भारतीय संसद का उच्च सदन राज्यसभा को कहते हैं। भारतीय संविधान के मुताबिक राज्यसभा में अधिकतम 250 सदस्य हो सकते हैं। मौजूदा समय में 245 सदस्यों का प्रावधान है। इसमें अधिकांश सदस्यों को जनता अप्रत्यक्ष रूप से चुनती है वहीं 12 सदस्यों को राष्ट्रपति नामित करते हैं। ये सदस्य कला, साहित्य, विज्ञान और समाज सेवा के क्षेत्र में हो सकते हैं। राज्यसभा सांसद का कार्यकाल 6 साल का होता है। वहीं प्रत्येक दो साल में एक तिहाई सदस्य रिटायर हो जाते हैं। लोकसभा की तरह राज्यसभा कभी भंग नहीं होती। उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। राज्यसभा के वर्तमान सभापति वेंकैया नायडू और उपसभापति नवनिर्वाचित हरिवंश हैं। Read More
यह सही है कि चुनाव में हारने वाला पक्ष विपक्ष की भूमिका निभाता है, पर सच यह भी है कि वह हारा हुआ नहीं, विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए चुना गया पक्ष होता है. इसीलिए जनतंत्र की सफलता का एक मानदंड मजबूत विपक्ष को भी माना गया है. ...
वर्ष 2019-20 में बट्टेखाते में डाली गई राशि 2,34,170 करोड़ रुपये थी। इससे पहले 2018-19 में यह 2,36,265 करोड़ रुपये और 2017-18 में 1,61,328 करोड़ रुपये थी। ...
कोरोना वायरस महामारी के बाद दुनियाभर में अर्थव्यवस्था की खराब हालत का जिक्र करते हुए BJP सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को दावा किया था कि इस हालात में भी मोदी सरकार 80 करोड़ गरीबों को फ्री फंड का खाना दे रही है. राज्य सभा में आज बहस के दौरान राजद सां ...
Sanjay Singh Latest Speech in Rajya Sabha । लोकसभा के बाद मंगलवार को महंगाई के मुद्दे पर राज्य सभा में भी बहस देखी गई. इस मौके पर आप सांसद संजय सिंह ने मोदी सरकार पर खूब हमला बोला. देखें ये वीडियो. ...
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान मंकीपॉक्स से जुड़े पूरक सवालों का जवाब देते हुए मांडविया ने यह भी कहा कि इससे घबराने या डरने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह कोविड-19 बीमारी की तरह तेजी से नहीं फैलती है। ...
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महंगाई को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी को धन्यवाद दिया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि देश के गरीबों को ऐसे समय पर दो समय का भोजन मुफ्त मिल रहा है जब श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और सिंगापुर बढ़ती मुद्रा ...
खड़गे ने सदन के सभापति को पत्र लिखकर गुरुवार को उच्च सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ केंद्रीय मंत्रियों निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल द्वारा की गई टिप्पणी को हटाने का अनुरोध किया। ...
संसद में कामकाज के घंटे और उत्पादकता में लगातार गिरावट आती जा रही है. 1952 से 1970 तक लोकसभा की औसतन 121 बैठकें हुआ करती थीं जो अब 50 के आसपास सिमट गई है. ...