महंगाई पर भाजपा सांसद का पलटवार, कहा- भारत के गरीबों को मुफ्त में दो वक्त का खाना देने पर पीएम का करना चाहिए शुक्रिया अदा
By मनाली रस्तोगी | Published: August 1, 2022 05:13 PM2022-08-01T17:13:49+5:302022-08-01T17:16:14+5:30
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महंगाई को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी को धन्यवाद दिया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि देश के गरीबों को ऐसे समय पर दो समय का भोजन मुफ्त मिल रहा है जब श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और सिंगापुर बढ़ती मुद्रास्फीति और नौकरियों के नुकसान का सामना कर रहे हैं।
नई दिल्ली: महंगाई को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को विपक्ष पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया जाना चाहिए क्योंकि भारत में गरीबों को दो समय का भोजन मुफ्त मिल रहा है, ऐसे समय में जब श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और सिंगापुर बढ़ती मुद्रास्फीति और नौकरियों के नुकसान का सामना कर रहे हैं।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी द्वारा महंगाई और जीएसटी को लेकर मोदी सरकार की आलोचना करने के बाद दुबे का यह बयान आया है। बता दें कि तिवारी ने लोकसभा में कहा था, "देश पिछले 14 महीनों से दहाई अंक में मुद्रास्फीति दर्ज कर रहा है, यह 30 वर्षों में सबसे अधिक है। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक आसमान छू रहा है। चावल, दही, पनीर और पेंसिल और शार्पनर जैसी दैनिक उपयोग की चीजों पर जीएसटी बढ़ा सरकार बच्चों को भी नहीं बख्श रही है।"
दुबे और तिवारी ने आज लोकसभा में मूल्य वृद्धि पर बहस में हिस्सा लेते हुए यह बयान दिए। राज्यसभा सदस्य और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने मूल्य वृद्धि, मुद्रास्फीति और नवीनतम जीएसटी संशोधन के मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए व्यावसायिक नोटिस स्थगित कर दिया था। इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आश्वासन दिया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कोविड-19 से उबरने और संसद लौटने के बाद मूल्य वृद्धि पर चर्चा संसद में होगी।
अखिल भारतीय थोक मूल्य सूचकांक (WPI) संख्या पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जून, 2022 (जून, 2021 से अधिक) के महीने के लिए 15.18 प्रतिशत (अनंतिम) दर्ज की गई थी। सरकार ने कहा था कि जून, 2022 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, खाद्य पदार्थों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, बुनियादी धातुओं, रसायनों और रासायनिक उत्पादों, खाद्य उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण थी।