पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है। शास्त्रानुसार प्रत्येक सनातन धर्मी को इस पक्ष में प्रतिदिन मध्यान्ह व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध एवं तर्पण अवश्य करना चाहिए। पृथ्वी लोक में माता पिता एवं पितृ साक्षात देवता है अतः उनकी आत्मा की शांति के लिए आश्विन कृष्ण पक्ष में श्रद्धा विश्वास एवं उत्साह के साथ मनाना चाहिए। Read More
महालया के साथ ही दुर्गा पूजा के उत्सव की शुरुआत हो जाती है। महालया पितृपक्ष के समापन का भी संकेत है और इसके बाद से ही नवरात्रि की शुरुआत होती है. महालया का सबसे ज्यादा महत्व बंगाली लोगों के लिए होता है. वे इसे बहुत उत्साह से मनाते हैं। दुर्गा पूजा ...
पितरों को प्रसन्न कर लिया जाए तो घर-परिवार पर उनकी कृपा बनी रहती है. इस बार पितृपक्ष 13 सितंबर से 28 सितंबर तक है. इस विडियो में आपको बताते है वो उपाय जिनसे आप अपने पितरों को प्रसन्न करके उनका आर्शीवाद प्राप्त कर सकते है. ...