भारतीय संसद (राज्य सभा और लोक सभा) की हर साल होने वाली तीन बैठकों को संसद सत्र कहते हैं। इन सत्रों में सभी विधायी कार्य पूरे किये जाते हैं। भारतीय संविधान के अनुसार संसद के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा अंतराल नहीं होना चाहिए। इस वजह से हर साल संसद के कम से कम दो सत्र जरूर आयोजित होते हैं।संसद का बज़ट सत्र फ़रवरी से मई के बीच आहुत होता है। संसद का मॉनसून सत्र जुलाई से सितम्बर के बीच आहुत होता है। संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर से दिसंबर के बीच आयोजित होता है। बज़ट सत्र के दौरान भारत सरकार अपना सालाना या अंतरिम बज़ट पेश करती है। इस बज़ट में सरकार वार्षिक आय और व्यय का लेखा-जोखा पेश करती है। Read More
भाजपा के श्वेत मलिक ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कुछ निजी उद्योगपतियों ने शिक्षा उद्योग को लाभ अर्जित करने वाला कारोबार बना लिया है। उन्होंने कहा कि निजी स्कूल पहले अभिभावकों ने ‘‘डोनेशन’’ लेते हैं फिर स्कूल की इमारत के नाम पर शुल् ...
पूर्व में सत्र की अवधि 26 जुलाई अर्थात आज तक ही थी। उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति ने कहा कि सदन की बैठक सात अगस्त तक बढ़ा दी गई है। नायडू ने कहा कि सत्र की इस बढ़ी हुई अवधि के दौरान प्रश्नकाल नहीं होगा। ...
प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने इस घटना का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि आज पूरे सदन ने देख लिया कि आपने (सत्तारूढ़ भाजपा) ने चुनाव में 303 सीटें कैसे प्राप्त की थीं? उन्होंने दावा किया कि सरकार संसद को एक सरकारी विभाग की तरह चलाना चाहती है। ...
लोकसभा में तीन तलाक विरोधी विधेयक पारित होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अभी 17 विधेयक लंबित हैं, इसलिए हम चाहते हैं कि सत्र सात अगस्त तक बढ़ाया जाए। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सत्र सात अगस्त, 2019 तक के लिए बढ़ाया ...
केंद्र सरकार ने लोकसभा में गुरुवार को विवादास्पद ‘तीन तलाक’ विधेयक पर चर्चा के बाद उसे पारित किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया है। लोकसभा में तीन तलाक बिल पर बहस चल रही है। ...
उन्होंने कहा, ‘‘1986 और अब में फर्क है। तब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे। आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। हम संवैधानिक अधिकार देने के लिए विधेयक ला रहे हैं, तब संविधान को कुचलने के लिए विधेयक लाया गया था। 1986 में कांग्रेस ने कुछ मुट्ठीभर लोगों के दब ...
नरेंद्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री हैं और वह अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। लेखी ने कहा कि राजीव गांधी 1980 के दशक में शाह बानो के समय इस जिम्मेदारी को निभा सकते थे, लेकिन उन्होंने नहीं किया। उन्होंने कहा कि हिंदू कोड बिल के समय भी इसी तरह का विरोध ह ...
रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019’ को चर्चा एवं पारित करने के लिये पेश किया जिसमें विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की संरक्षा करने और उनके पतियों द्वारा तीन बार तलाक बोलकर विवाह तोड़ने को निषेध करने का ...