मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है। 34 साल बाद भारत की नई शिक्षा नीति आई है। स्कूल-कॉलेज की व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने शिक्षा नीति को लेकर 2 समितियां बनाई थीं, एक टीएसआर सुब्रमण्यम समिति और दूसरी डॉ. के कस्तूरीरंगन समिति बनाई गई थी। Read More
पवन कल्याण ने काकीनाडा के पीथमपुरम में पार्टी के 12वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए पूछा, "मुझे समझ में नहीं आता कि कुछ लोग संस्कृत की आलोचना क्यों करते हैं? ...
सरकार ने पिछले साल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन के हिस्से के रूप में स्कूल, उच्च और व्यावसायिक शिक्षा के निर्बाध एकीकरण को सुनिश्चित करने और छात्रों को पूर्व-प्राथमिक स्तर से पीएचडी स्तर तक अपने क्रेडिट जमा करने की अनुमति देने के ...
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की प्रस्तावना इस बात को रेखांकित करती है कि बच्चे के व्यक्तित्व के समग्र विकास के लिए भय एवं हिंसा से मुक्त वातावरण का होना अनिवार्य है। ...
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम की जो रूपरेखा तैयार की है, वह परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों के तनाव को बहुत कुछ कम कर देगी। ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिल भारतीय शिक्षा समागम के उद्घाटन समारोह में कहा कि युवाओं को उनकी प्रतिभा की जगह उनकी भाषा के आधार पर जज किया जाना सबसे बड़ा अन्याय है। पीएम मोदी ने कहा कि मातृभाषा में पढ़ाई होने से भारत के युवा टेलेंट के साथ अब असली ...
भारत सरकार की नई शिक्षा नीति में मातृभाषाओं को बढावा देने पर जोर दिया गया है। इस नीति के अंतर्गत राजभाषा आयोग 1955 की सिफारिशों में से एक भारतीय भाषाओं में ज्ञान और सीखने की सिफारिश को शामिल किया गया है। ...
34 साल के लंबे अंतराल के बाद देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हुई है. इसका उद्देश्य नवोन्मेषी, लोकतांत्रिक एवं विद्यार्थी केंद्रित शिक्षा व्यवस्था को प्रमुखता देना है. ...