अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर अमित शाह- 'मातृभाषा समृद्ध होगी, तभी देश भी समृद्ध होगा'
By शिवेंद्र राय | Published: February 21, 2023 05:10 PM2023-02-21T17:10:57+5:302023-02-21T17:12:12+5:30
भारत सरकार की नई शिक्षा नीति में मातृभाषाओं को बढावा देने पर जोर दिया गया है। इस नीति के अंतर्गत राजभाषा आयोग 1955 की सिफारिशों में से एक भारतीय भाषाओं में ज्ञान और सीखने की सिफारिश को शामिल किया गया है।
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर लोगों को बधाई देते हुए कहा कि अपनी मातृभाषा के अधिकतम उपयोग करने का संकल्प लें। अमित शाह ट्वीट करके लिखा, "अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की सभी को शुभकामनाएँ। यह दिन अपनी मातृभाषा से जुड़ उसे और अधिक समृद्ध करने के संकल्प का दिन है। जब व्यक्ति अपनी मातृभाषा को समृद्ध करेगा तभी देश की सभी भाषाएँ समृद्ध होंगी और देश भी समृद्ध होगा। अपनी मातृभाषा के अधिकतम उपयोग करने का संकल्प लें।"
केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे लिखा, "जब कोई बच्चा अपनी मातृभाषा में पढ़ता, बोलता और सोचता है तो इससे उसकी सोचने की क्षमता, तर्क शक्ति, विश्लेषण और शोध की क्षमता बढ़ती है। इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने ‘नई शिक्षा नीति’ के माध्यम से मातृभाषा में शिक्षा पर जोर दिया है। यही भारत के स्वर्णिम कल का आधार बनेगा।"
जब कोई बच्चा अपनी मातृभाषा में पढ़ता, बोलता और सोचता है, तो इससे उसकी सोचने की क्षमता, तर्क शक्ति, विश्लेषण और शोध की क्षमता बढ़ती है।
— Amit Shah (@AmitShah) February 21, 2023
इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने ‘नई शिक्षा नीति’ के माध्यम से मातृभाषा में शिक्षा पर जोर दिया है। यही भारत के स्वर्णिम कल का आधार बनेगा। https://t.co/tbeTZLQvwW
बता दें कि भारत सरकार की नई शिक्षा नीति में मातृभाषाओं को बढावा देने पर जोर दिया गया है। इस नीति के अंतर्गत राजभाषा आयोग 1955 की सिफारिशों में से एक भारतीय भाषाओं में ज्ञान और सीखने की सिफारिश को शामिल किया गया है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी यह प्रविधान किया गया है कि हम अपनी मातृभाषाओं के व्यवहार में सम्मान महसूस करें।
नई शिक्षा नीति 2020 में शिक्षण माध्यम के रूप में भाषा के सवाल को मुख्य रूप से उठाया गया है। इसमें कहा गया कि छोटे बच्चे अपनी घर की भाषा/ मातृ भाषा में अधिक तेजी से सीखते हैं और समझ लेते हैं। घर की भाषा आमतौर पर मातृभाषा या स्थानीय समुदायों द्वारा बोली जाने वाली भाषा है। ऐसे में जहाँ तक संभव हो, कम से कम कक्षा 5 या कक्षा 8 तकशिक्षा का माध्यम, घर की भाषा/ मातृ भाषा/ स्थानीय भाषा/ क्षेत्रीय भाषा होगी। इसके बाद घर/ स्थानीय भाषा को जहां भी संभव हो भाषा के रूप में पढ़ाया जाता रहेगा।