पीएम मोदी ने अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया, बताया क्या है राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 29, 2023 01:42 PM2023-07-29T13:42:53+5:302023-07-29T13:44:00+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिल भारतीय शिक्षा समागम के उद्घाटन समारोह में कहा कि युवाओं को उनकी प्रतिभा की जगह उनकी भाषा के आधार पर जज किया जाना सबसे बड़ा अन्याय है। पीएम मोदी ने कहा कि मातृभाषा में पढ़ाई होने से भारत के युवा टेलेंट के साथ अब असली न्याय की शुरुआत होने जा रही है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (29 जुलाई) को दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने पीएम श्री योजना के तहत धनराशि की पहली किस्त जारी की। इस राशि का इस्तोमाल इस करह से किया जाएगा ताकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की परिकल्पना के अनुसार एक समतापूर्ण, समावेशी और बहुलवादी समाज के निर्माण में संलग्न, उत्पादक और योगदान देने वाले नागरिक बनें।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, "जब युग बदलने वाले परिवर्तन होते हैं, तो वो अपना समय लेते हैं। 3 साल पहले जब हमनें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की थी, तो एक बहुत बड़ा कार्यक्षेत्र हमारे सामने था। लेकिन आप सभी ने नेप-2020 को लागू करने के लिए जो कर्तव्यभाव और समर्पण दिखाया, वो वाकई अभिभूत करने वाला एवं नया विश्वास पैदा करने वाला है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "युवाओं को उनकी प्रतिभा की जगह उनकी भाषा के आधार पर जज किया जाना सबसे बड़ा अन्याय है। मातृभाषा में पढ़ाई होने से भारत के युवा टेलेंट के साथ अब असली न्याय की शुरुआत होने जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्राथमिकता है कि भारत के हर युवा को समान शिक्षा मिले, शिक्षा के समान अवसर मिले। समान शिक्षा का मतलब है शिक्षा के साथ-साथ संसाधनों तक समान पहुंच। हर बच्चे की समझ और चॉइस के हिसाब से उसे विकल्पों का मिलना। स्थान, वर्ग, क्षेत्र के कारण बच्चे शिक्षा से वंचित न रहें।"
युवाओं को उनकी प्रतिभा की जगह उनकी भाषा के आधार पर जज किया जाना सबसे बड़ा अन्याय है।
— BJP (@BJP4India) July 29, 2023
मातृभाषा में पढ़ाई होने से भारत के युवा टेलेंट के साथ अब असली न्याय की शुरुआत होने जा रही है।
- पीएम @narendramodi
पूरा वीडियो देखें: https://t.co/TqAvn4LHRMpic.twitter.com/lTLvtBBDeb
पीएम मोदी ने आगे कहा, "आज दुनिया जानती है कि जब सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी की बात आएगी, तो भविष्य भारत का है। जब स्पेस टेक की बात होगी तो भारत की क्षमता का मुकाबला आसान नहीं है। जब डिफेंस टेक्नोलॉजी की बात होगी तो भारत का लो-कॉस्ट और बेस्ट क्वालिटी का मॉडल ही हिट होगा। समर्थ युवाओं का निर्माण सशक्त राष्ट्र के निर्माण की सबसे बड़ी गारंटी होती है। इसलिए शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों को खुली उड़ान का मौका देना होगा।"
बता दें कि 29 और 30 जुलाई को आयोजित होने वाला दो दिवसीय कार्यक्रम शिक्षाविदों, क्षेत्र के विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, उद्योग के प्रतिनिधियों, स्कूलों, उच्च शिक्षा और कौशल संस्थानों के शिक्षकों और छात्रों सहित अन्य लोगों को एनईपी 2020 को लागू करने में अपनी अंतर्दृष्टि, सफलता की कहानियों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।