हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का त्योहार बेहद खास और महत्वपूर्ण माना जाता है। सूर्य के राशि परिवर्तन को ही संक्रांति कहते हैं। इस तरह साल में 12 संक्रांति आते हैं। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तभी मकर संक्रांति का पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान समय में जनवरी के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन इसे मनाया जाता है। मकर संक्रांति के साथ एक माह से चला रहा खरमास या मलमास खत्म हो जाता है और शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं। परंपराओं के अनुसार मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। साथ ही दान आदि भी किया जाता है। इस दिन तिल का महत्व काफी खास हो जाता है। तिल का दान, और इसका सेवन शुभ माना गया है। मकर संक्रांति के दिन गुजरात में अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव भी मनाया जाता है। Read More
Lohri and Makar Sankranti: आम तौर पर मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाया जाता है जबकि लोहड़ी को इसके ठीक एक दिन पूर्व मनाने की परंपरा है। हालांकि, इस बार कुछ बदलाव हुए हैं। ...
हिन्दू धर्म में मकर सक्रांति के त्यौहार का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन से पिछले एक महीने से चला आ रहा मलमास या खरमास का समय खत्म हो जाता है। इस वजह से सभी मांगलिक कार्य जैसै शादी-विवाह और दूसरे शुभ कार्य भी शुरू हो जाते हैं। देश के अलग- ...
लोहड़ी के त्योहार की खास रौनक पंजाब में देखने को मिलती है।लोहड़ी को सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने का पर्व भी माना जाता है। यह त्योहार पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल और कश्मीर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन पुरुष भंगड़ा और महिलाएं गिद्दा कर ...
प्रज्ञायोगी आचार्यश्री गुप्तिनंदीजी गुरुदेव ने कहा कि मकर संक्रांति का त्यौहार आपस में प्रेम बढ़ाने का त्यौहार है. वे सोमवार को महल गांधीगेट रेणुका प्लाजा अपार्टमेंट स्थित सूरज जैन पेंढारी के निवास पर हुई धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे.उन्होंने कहा कि ...