Lohri and Makar Sankranti: लोहड़ी और मकर संक्रांति कब है, क्यों आया तारीखों में ये बदलाव, जानें वजह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 11, 2020 01:48 PM2020-01-11T13:48:59+5:302020-01-11T13:48:59+5:30
Lohri and Makar Sankranti: आम तौर पर मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाया जाता है जबकि लोहड़ी को इसके ठीक एक दिन पूर्व मनाने की परंपरा है। हालांकि, इस बार कुछ बदलाव हुए हैं।
Lohri and Makar Sankranti: साल बदलते ही दो सबसे बड़े त्योहार लोहड़ी और मकर संक्रांति के ही आते हैं। आम तौर पर मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में इस स्थिति में बदलाव आया है। सूर्य ने मकर राशि में प्रवेश का समय बढ़ाना शुरू किया है और इसलिए दोनों त्योहारों को लेकर भी उलझन की स्थिति बन जाती है। इस साल भी लोहड़ी और मकर संक्रांति के त्योहार को लेकर उलझन बनी हुई है।
Lohri 2020: लोहड़ी कब है इस बार
लोहड़ी पंजाब के बड़े त्योहारों में से एक है। इसे पंजाब सहित हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि इलाकों में खूब धूमधाम से मनाया जाता है। आम तौर पर ये हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है। इस बार भी ये इस दिन मनाया जाएगा।
जानकारों के अनुसार अंग्रेजी कैलेंडर को छोड़ दें तो लोहड़ी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश से एक दिन पहले मनाया जाता है। सूर्य इस बार 14 जनवरी की रात को मकर राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में लोहड़ी 13 जनवरी को ही मनाई जाएगी। वहीं, कुछ मत ये भी हैं कि लोहड़ी को 14 जनवरी को मनाया जाना चाहिए।
Makar Sankfranti 2020: मकर संक्रांति कब है
चूकी गणनाओं के अनुसार सूर्य 14 जनवरी की रात मकर राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में दान आदि के लिए 15 जनवरी ही शुभ है। इसलिए, इस बार भी मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश मंगलवार (14 जनवरी) की रात 2 बजकर 7 मिनट पर हो रहा है।
ऐसे में स्नान और पुण्य का शुभ मुहूर्त बुधवार तड़के से दोपहर तक का होगा। मकर संक्रांति के मौके पर पवित्र नदियों में स्नान और उगते सूर्य को जलार्पण करना शुभ माना जाता है। साथ ही गुड़, तिल आदि का दान भी करना शुभ माना गया है।