साल 2018 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने तय हुए हैं। यहां प्रमुख मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) में होगा। यहां कांग्रेस ने पहला कदम उठाते हुए वरिष्ठ नेता कमल नाथ को चुनाव प्रभारी बनाया है। Read More
मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनावी मैदान में दोनों ही बड़े दलों भाजपा और कांग्रेस ने बात भले ही आम कार्यकार्ताओं की हो, लेकिन टिकट देते वक्त कुनबों का खूब ध्यान रखा. इसके कारण दोनों दलों ने लगभग चार-पांच दर्जन ऐसे लोगों को मैदान में उतारा है जो किसी न किसी ...
मध्यप्रदेश में भाजपा के तीन पूर्व मुख्यमंत्री अभी सक्रिय हैं इनमें कैलाश जोशी और बाबूलाल गौर तो क्रमश: अपने बेटे दीपक जोशी और बहू कृष्णा गौर के चुनावी अभियान भर को देख रहे हैं. फिर भी ऐसी है हालत- ...
मध्य प्रदेश चुनावः विधानसभा चुनाव के लिए जैसे-जैसे मतदान की तारीख समीप आ रही है और प्रचार गर्माता जा रहा है, राज्य में करीब एक दर्जन से ज्यादा भाजपा प्रत्याशियों के सामने भितरघात का संकट भी बढ़ रहा है. ...
उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दावा किया कि अगर कांग्रेस का मध्य प्रदेश में सपा, बसपा एवं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के साथ गठबंधन होता तो हमें (गठबंधन को) प्रदेश की कुल 230 सीटों में से 200 से ज्यादा सीटें मिलती। ...
कांग्रेस अपने वचन पत्र के प्रति कटिबद्ध है और इसे हर हालत में पूरा करेगी, लेकिन जो भाजपा अपनी 15 वर्ष की सरकार में भी किसानो का कर्ज़ माफी का वादा कर मुकर गयी। जिसने आज तक किसानों का एक रुपया का कर्ज़ भी माफ नहीं किया। ...
मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल की ऐसी 34 विधानसभा सीटें हैं जिसे लेकर संघ की चिंता बढ़ गई है। वर्तमान में भाजपा के कब्जे में इस अंचल की 22 सीटें हैं, जबकि कांग्रेस का 10 और बसपा का 2 सीटों पर कब्जा है। ...