मध्य प्रदेश चुनावः चुनावी समर में इस कदर अकेले पड़ गए हैं शिवराज, हेलीकॉप्टर में खा रहे खाना और पत्नी-बेटे को लगाया काम पर
By शिवअनुराग पटैरया | Published: November 22, 2018 05:49 AM2018-11-22T05:49:48+5:302018-11-22T05:49:48+5:30
मध्यप्रदेश में भाजपा के तीन पूर्व मुख्यमंत्री अभी सक्रिय हैं इनमें कैलाश जोशी और बाबूलाल गौर तो क्रमश: अपने बेटे दीपक जोशी और बहू कृष्णा गौर के चुनावी अभियान भर को देख रहे हैं. फिर भी ऐसी है हालत-
मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव के मैदान में भाजपा का चुनावी अभियान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इर्द-गिर्द सिमट गया है. होर्डिंग, बैनर, पोस्टरों और विज्ञापनों में दिख रहे हैं तो सिर्फ शिवराज. उनके अलावा अगर कोई दूसरा चेहरा विज्ञापनों में है तो वह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का.
मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए अब हफ्ते भर का ही समय बचा है. चुनाव अभियान के इस आखिरी दौर में भाजपा का चुनाव प्रचार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इर्द-गिर्द सिमट गया है. भाजपा का पूरा प्रचार अभियान उनके इर्द-गिर्द ही बुना गया है. इस कारण प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और वेबमीडिया पर शिवराज सिंह चौहान ही छाए हैं. प्रदेश के किसी दूसरे नेता के लिए इस अभियान में कोई जगह नहीं है.
भाजपा के प्रचार अभियान की पंच लाइन ‘माफ करो महराज, हमारा नेता शिवराज’ भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को केन्द्रित कर रची गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा प्रदेश के जो दूसरे नेता हैं वह सीमित क्षेत्रों में प्रचार कर रहे हैं पर उन्हें भाजपा के मीडिया केंपेन में नहीं दर्शाया जा रहा है. मध्यप्रदेश में भाजपा के तीन पूर्व मुख्यमंत्री अभी सक्रिय हैं इनमें कैलाश जोशी और बाबूलाल गौर तो क्रमश: अपने बेटे दीपक जोशी और बहू कृष्णा गौर के चुनावी अभियान भर को देख रहे हैं.
जबकि तीसरी पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती उन क्षेत्रों में भेजी जा रही हैं जहां उनकी जाति लोधियों की संख्या पर्याप्त मात्रा में है. भाजपा के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचि कैलाश विजयवर्गीय, सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल जैसे नेता भी प्रदेश से आते हैं लेकिन इनमें से सिर्फ नरेंद्र सिंह तोमर भाजपा की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के तौर पर मैदान में कम भोपाल में ज्यादा सक्रिय हैं.
उनके अलावा कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद पटेल बहुत सीमित भूमिका में चुनाव अभियान में सक्रिय हैं. इसका एक कारण यह भी है कि कैलाश के बेटे आकाश विजयवर्गीय इंदौर-3 से भाजपा प्रत्याशी हैं. वैसे कैलाश विजयवर्गीय ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि वे अपने बेटे का प्रचार करने नहीं जाएंगे.
इसके बावजूद भी बेटे के चुनाव अभियान की रणनीति उन्हीं के हाथ में बताई जा रही है और ऐसा होना कुछ गलत भी नहीं है. इसके बावजूद भी कैलाश विजयवर्गीय की क्षमता का मप्र में जितना उपयोग करना चाहिए था वह अब तक नहीं किया गया है.
कुछ इसी तरह प्रहलाद पटेल प्रदेश भाजपा के प्रभावशाली नेताओं में से एक माने जाते हैं पर राज्य के चुनावी अभियान में उनकी भूमिका सीमित है. वैसे उनके भाई जालम सिंह पटेल नरसिंहपुर से चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए उनका ध्यान नरसिंहपुर की तरफ ज्यादा है.
मध्यप्रदेश भाजपा के तमाम नेताओं के मैदान में, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बराबर सक्रिय न होने के कारण प्रदेश भाजपा का पूरा चुनावी अभियान मुख्यमंत्री पर ही केन्द्रित हो गया है. मुख्यमंत्री प्रतिदिन लगभग एक दर्जन सभाएं ले रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल से या जहां भी उनका रात्रि विश्राम होता है प्रात: 9 बजे के आसपास चुनाव प्रचार के लिए निकल पड़ते हैं.
उनकी आखिरी सभा रात 9-10 बजे तक चलती रहती हैं. वे कभी हवाई जहाज से तो कभी हेलीकाप्टर से अपने गंतव्य की तरफ दौड़ते रहते हैं. 20 नवंबर को मुख्यमंत्री ने सुबह 10 बजे मैहर, 11 बजे, 12 बजे मंडला, बारहसिवनी, डेढ़ बजे जवेरा, 2.20 बजे साली चौका, 3 बजे तेंदूखेड़ा, 4 बजे गोटेगांव, 5 बजे चिरगवां, बरगी, 6 बजे पनागर, 7 बजे जबलपुर कैंट, 7.30 बजे जबलपुर उत्तर में सभाएं ली.
चुनाव अभियान के दौरान मुख्यमंत्री का खाना पानी से लेकर विश्राम तक हवाई जहाज या हेलीकाप्टर पर ही होता रहता है. इस दौरान वे चुनावी कव्हरेज के लिए निकले संवाददाताओं से भी बतियाते रहते हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद सीहोर जिले के बुंदनी से प्रत्याशी हैं. वहां उनका प्रचार पत्नी साधना सिंह और बेटा कार्तिकेय चौहान संभाल रहे हैं. माना जा रहा है कि चुनाव के थमने के बाद ही मुख्यमंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंचेगे.