लद्दाख एक ऊंचा पठार है जिसका अधिकतर हिस्सा 3,500 मीटर (9,800 फीट) से ऊंचा है। यह हिमालय और कराकोरम पर्वत श्रृंखला और सिन्धु नदी की ऊपरी घाटी में फैला है। करीब 33,554 वर्गमील में फैले लद्दाख में बसने लायक जगह बेहद कम है। यहां हर ओर ऊंचे-ऊंचे विशालकाय पथरीले पहाड़ और मैदान हैं। यहां के सभी धर्मों के लोगों की जनसंख्या मिलाकर 2,36,539 है। लद्दाख के पूर्वी हिस्से में लेह के आसपास रहने वाले निवासी मुख्यतः तिब्बती, बौद्ध और भारतीय हिन्दू हैं, लेकिन पश्चिम में करगिल के आसपास जनसंख्या मुख्यतः भारतीय शिया मुस्लिमों की है। तिब्बत पर कब्जे के दौरान बहुत से तिब्बती यहां आकर बस गए थे। लद्दाख को चीन, तिब्बत का हिस्सा मानता है। सिन्धु नदी लद्दाख से निकलकर ही पाकिस्तान के कराची तक बहती है। प्राचीनकाल में लद्दाख कई अहम व्यापारिक रास्तों का प्रमुख केंद्र था। Read More
समझौते के बाद सेना की वापसी पहले आप पर भी इसलिए अटक गई है क्योंकि चीन चाहता है कि पहले भारतीय सैनिक उन पहाड़ियों से पीछे हटे जिन पर भारतीय सेना ने कुछ दिन पहले ही मोर्चाबंदी की है। ...
सैनिक, जब किसी कार्य के लिए प्रतिबद्ध होता है, तो समझौता नहीं कर सकता। यह कर्तव्य और साहस के मानकों के प्रति वचनबद्धता है, राष्ट्र के प्रति पूर्ण निष्ठा है। उद्देश्य प्राप्ति ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है। ...
ट्वीट किया "चीन के साथ जो बातचीत हुई उसमें मार्च 2020 को जो स्थिति थी केवल उसे यथास्थिति बनाये रखने के लिए थी, प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार यह ज़िम्मेदारी लेने को तैयार नहीं के वे चीन को भारत की ज़मीन छोड़ने को कहें। बाकी सब बातें बेकार हैं।" ...
सरकारी सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फिंगर-चार के, चीनी कब्जे वाले स्थानों पर कड़ी नजर रखने के लिए पैंगोग सो के आसपास पर्वतों की चोटियों और सामरिक महत्व वाले स्थानों पर अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है। ...
रोहतांग को लेह सरहद से जोड़ने वाली अटल टनल से लद्दाख पूरे साल जुड़ा रहेगा और इससे अब सेना को हथियार और अन्य सामान आसानी से बॉर्डर पर पहुंचाया जा सकेगा। ...
चीन के मीडिया संस्थान साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) ने ट्वीट कर दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प का वीडियो जरूर बताया है, लेकिन यह वीडियो कब का है यह नहीं बताया है। ...
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच मई की शुरुआत से ही तनाव कायम है। विदेश मंत्रालय ने जयशंकर और वांग के बीच ‘‘स्पष्ट एवं रचनात्मक’’ वार्ता के बाद शुक्रवार सुबह पांच-सूत्रीय संयुक्त बयान जारी किया। ...
भारत-चीन सीमा विवाद: उम्मीद की जा रही है कि भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की इस बातचीत से करीब चार महीने से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में कुछ सकारात्मक पहल होगी। बातचीत का मुद्दा दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव को कम करना और सैनिकों को व ...