किरेन रिजिजू अरुणाजल के रहनेवाले बीजेपी नेता हैं, जिन्हें बीजेपी का कद्दावर नेता माना जाता है। 19 नवंबर 1971 को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग जिले के नफ्रा में जन्मे किरेन रिजिजू ने दिल्ली से ग्रेजुएशन और कानून की पढ़ाई की है। किरेन रिजिजू के पिता रिन्चिन खारू जाने माने नेता रहे हैं। वह अरुणाचल प्रदेश की प्रथम विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष भी रहे। किरण रिजिजू की माता का नाम चिरई रिजिजू है। किरेन रिजूजू को साल 2004 में अरुणाचल पश्चिम से लोकसभा का टिकट दिया गया और पहली बार सांसद बने। इसके बाद वह 2009 के चुनाव हार गए, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में एकबार फिर सांसद बने और मोदी सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनाया गया। किरेन रिजूजू ने साल 2019 में भी जीत दर्ज की और मोदी सरकार-2 में उन्हें खेल मंत्री बनाया। 2021 में हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद उन्हें कानून मंत्री बनाया गया है। Read More
सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रीजीजू को पत्र लिखकर जन प्रतिनिधित्व कानून में कुछ संशोधन की अनुशंसा की है। ...
सुप्रीम कोर्ट से रिटायर जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा ने देश की मौजूदा हालात के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा था कि आज की शासन व्यवस्था में 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' पर अंकुश लग रहा है। इसके जवाब में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि जो लोग प्रधानमंत्री ...
कानून मंत्री रिजिजू ने अगले चीफ जस्टिस की नियुक्ति के मामले में कहा कि उन्हें भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना द्वारा अगले मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति से संबंधित संभावित उत्तराधिकारी को नामित करने वाला पत्र मिल चुका है और इस संबंध में आगे की ...
22 जुलाई 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक भारत के 25 उच्च न्यायालयों में 55 लाख से भी ज्यादा केस पेंडिग हैं। ये लिखित जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कुछ दिनों पहले दी है। ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की मौजूदगी में पहले पहले अखिल भारतीय जिला कानूनी सेवा प्राधिकरणों के उद्घाटन सत्र का आयोजन हुआ। इस दौरान प्रधाममंत्री ने कहा कि न्याय की सहजता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि व्यापार की सहजता और ...
पिछले हफ्ते लोकसभा में एक लिखित जवाब में कानून मंत्री ने कहा था कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने पर कोई फैसला नहीं हुआ है क्योंकि मामला विचाराधीन है। ...