सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज ने कहा, 'देश के हालात बेहद खराब हैं', कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'यह बयान उस संस्था को नीचा दिखा रहा है, जिसमें उन्होंने सेवा दी है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 4, 2022 04:59 PM2022-09-04T16:59:04+5:302022-09-04T17:04:22+5:30
सुप्रीम कोर्ट से रिटायर जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा ने देश की मौजूदा हालात के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा था कि आज की शासन व्यवस्था में 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' पर अंकुश लग रहा है। इसके जवाब में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि जो लोग प्रधानमंत्री को बिना किसी प्रतिबंध के अपशब्द कहते हैं, वो आज अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मुद्दा बनाकर रो रहे हैं।
दिल्ली: देश के कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज के उस बयान को बेहद शर्मनाक बताया है, जिसमें उन्होंने कहा था, "अगर मुझे प्रधानमंत्री का चेहरा पसंद नहीं है तो कोई मुझ पर छापा मार सकता है, मुझे गिरफ्तार किया जा सकता है और बिना कोई कारण बताए जेल में भी डाला जा सकता है।" कानून मंत्री रिजिजू ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण के बयान को आपत्ति जताते हुए उन्हें खूब सुनाई खरी-खोटी सुनाई है।
दरअसल जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा ने देश की मौजूदा हालात के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा था कि आज की शासन व्यवस्था में 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' पर अंकुश लग रहा है। लोगों को खुलकर अपने विचार अभिव्यक्त करने की छूट नहीं है। लोकतांत्रिक संस्थाएं निर्बाध तरीके से अपना काम नहीं कर पा रही हैं।
जस्टिस श्रीकृष्णा के इस बयान पर कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग एक लोकप्रिय निर्वाचित प्रधानमंत्री के प्रति गलत मंशा प्रदर्शित करते हैं, उन्हें बिना किसी प्रतिबंध के अपशब्द कहते हैं वो लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मुद्दा बनाकर रो रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत हो चुके जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण ने एक समाचार पत्र को दिये इंटव्यू में देश की मौजूदा कानून-व्यवस्था और लोकतांत्रिक प्रणाली पर बेहद गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा था कि देश में जिस तरह से असहिष्णुता का माहौल तैयार हो रहा है, उससे स्पष्ट होता है कि देश के हालात बेहद खराब हैं।
जस्टिस श्रीकृष्ण के इंटरव्यू में लगाये गये इन्हीं आरोपों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए देश के कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "वे लोग जो हर समय बिना किसी प्रतिबंध के आबाध तरीके से देश के लोकप्रिय और जनता के निर्वाचित प्रधानमंत्री की मित्था आलोचना करते हैं, उन्हें अपशब्द बोलते हैं। अब वैसे लोग भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को खतरे में बता कर उसका रोना रो रहे हैं! लेकिन ये वही लोग हैं, जिन्होंने कभी भी कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा है और न ही वो क्षेत्रीय पार्टी के मुख्यमंत्रियों की आलोचना करने की भी हिम्मत रखते हैं।"
जस्टिस श्रीकृष्ण ने अखबार के दिये अपने इंटरव्यू में कहा था कि आज के दौर में चीजें "बहुत खराब" हैं। उन्होंने इंटरव्यू में कहा, "मुझे यह बात कबूल करने में कोई परेशानी नहीं की अगर मैं किसी एक सार्वजनिक चौक पर खड़ा होकर यह कह दूं कि मुझे प्रधानमंत्री का चेहरा पसंद नहीं है, तो कोई मुझ पर छापा न मार जाएगा। मुझे गिरफ्तार न किया जाएगा या फिर मुझे बिना कोई कारण बताए जेल में न डाल दिया जाएगा। अभी जो हालात हैं, उसका हम सभी एक नागरिक के रूप में विरोध करते हैं।"
पूर्व जज के विचार पर परोक्ष हमला करते हुए कानून मंत्री रिजिजू ने शनिवार को कहा, "उन्हें नहीं पता कि सुप्रीम कोर्ट के किसी पूर्व जज ने वास्तव में ऐसी कोई बात कही है या नहीं। लेकिन अगर यह सच है तो इससे सिद्ध होता है कि यह बयान अपने आप में उस संस्था को नीचा दिखाने वाला है, जिसमें उन्होंने सेवा दी है।" (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)