न्याय की सहजता भी व्यापार की सहजता और जीवनयापन की सहजता जितनी ही महत्वपूर्ण - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
By शिवेंद्र राय | Published: July 30, 2022 12:08 PM2022-07-30T12:08:06+5:302022-07-30T12:11:26+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की मौजूदगी में पहले पहले अखिल भारतीय जिला कानूनी सेवा प्राधिकरणों के उद्घाटन सत्र का आयोजन हुआ। इस दौरान प्रधाममंत्री ने कहा कि न्याय की सहजता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि व्यापार की सहजता और जीवनयापन की सहजता।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण के साथ मंच साझा करते हुए कहा कि न्याय की सहजता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि व्यापार की सहजता और जीवनयापन की सहजता। पहले अखिल भारतीय जिला कानूनी सेवा प्राधिकरणों के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "न्यायिक प्रणाली तक पहुंच किसी भी समाज के लिए जितनी महत्वपूर्ण है, न्याय वितरण भी उतना ही महत्वपूर्ण है। न्यायिक बुनियादी ढांचे का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान है। पिछले आठ वर्षों में (एनडीए सरकार के) देश के न्यायिक ढांचे को मजबूत करने के लिए तेजी से काम किया गया है।”
As important as access to the judicial system is for any society, justice delivery is equally important. The judicial infrastructure has an important contribution to this. In the last 8 yrs, work has been done at a fast pace to strengthen judicial infrastructure in India: PM Modi pic.twitter.com/WlzOvs0ghE
— ANI (@ANI) July 30, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, “ई-कोर्ट मिशन के तहत, देश में वर्चुअल अदालतें शुरू की जा रही हैं। यातायात उल्लंघन जैसे अपराधों के लिए अदालतों ने चौबीस घंटे काम करना शुरू कर दिया है। लोगों की सुविधा के लिए अदालतों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के बुनियादी ढांचे का भी विस्तार किया जा रहा है।"
Under e-Courts Mission, virtual courts are being started in India. 24-hour courts have started functioning for crimes like traffic violations. Video conferencing infrastructure is also being expanded in courts: PM Modi at 1st All India District Legal Service Authorities meet pic.twitter.com/ojVs8tciDo
— ANI (@ANI) July 30, 2022
पीएम मोदी से पहले मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने भी संक्षिप्त भाषण दिया। उन्होंने सभी को न्याय दिलाने पर जोर दिया। मुख्य न्यायाधीश न कहा,“हमारी असली ताकत युवाओं में है। दुनिया के 1/5 युवा भारत में रहते हैं। लेकिन कुशल श्रमिक हमारे कार्यबल का केवल 3 प्रतिशत हैं। हमें अपने देश की कौशल शक्ति का उपयोग करने की जरूरत है, भारत अब वैश्विक अंतर को भर रहा है।”
इस कार्यक्रम में जस्टिस उदय यू ललित,जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद थे। अखिल भारतीय जिला कानूनी सेवा प्राधिकरणों के बारे में बताते हुए कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 'NALSA' प्रत्येक जिले में विशेष रूप से टेली लॉ के लिए 700 वकीलों की सेवाएं प्रदान करेगा। ये वकील रेफरल वकीलों के रूप में कार्य करेंगे और मुकदमे के पूर्व चरण में विवाद से बचने और विवाद समाधान के तंत्र को मजबूत करने में भी सहायता करेंगे।"
NALSA would provide the services of 700 lawyers, in each district exclusively for Tele Law. These lawyers would act as referral lawyers & also assist in strengthening the mechanism for dispute avoidance & dispute resolution at the pre-litigation stage: Union Minister Kiren Rijiju pic.twitter.com/nwFE5FiSeI
— ANI (@ANI) July 30, 2022