कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) वरिष्ठ वकील और राजनेता हैं। उन्हें भारत के सबसे शीर्ष चुनिंदा वकीलों में से एक माना जाता है। वह लंबे समय तक कांग्रेस के भी सदस्य रहे और यूपीए शासन में केंद्रीय मंत्री भी रहे। हालांकि, कपिल सिब्बल ने मई 2022 को कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। सिब्बल का जन्म 8 अगस्त 1948 को पंजाब के जालंधर में हुआ था। उनके पिता हीरा लाल सिब्बल भी एक प्रसिद्ध वकील थे। सिब्बल ने दिल्ली सेंट जॉन्स हाई स्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से बी.ए. किया और विधि संकाय, दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। कपिल सिब्बल पहली बार 1998 में राज्यसभा सदस्य बने। वह दिल्ली के चांदनी चौक से 2004 और 2009 में दो बार लोकसभा का चुनाव भी जीतने में सफल रहे। Read More
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इसका जवाब देते हुए कहा कि तत्कालीन विपक्ष (भाजपा) व सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण उस समय सभी दूरसंचार लाइसेंस रद्द कर दिए गए, फिर विदेशी निवेश नहीं आया। यही वजह है कि आज जो टेलीकॉम सेक्टर की स्थिति है। ...
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र के राज्यपाल और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के पत्र सौंपे, साथ ही अजित पवार के समर्थन वाला पत्र पेश किया। ...
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘प्रकृति हमारे अपने कुकृत्यों की सजा दे रही है। हमने खुद ही सांस लेने के मौलिक आधार को खतरे में डाल दिया है। अजीबोगरीब नुस्खों को छोड़िये। सहज समाधान को अपनाए।’’ ...
पीठ ने सवाल किया, ‘‘क्या उन्हें दंगा होने का इंतजार करना चाहिए था?’’ इसके जवाब में सिब्बल ने कहा, ‘‘वे यह कैसे मान सकते हैं कि दंगे होंगे? यह दर्शाता है कि उनके दिमागों एक धारणा है और उनके पास कोई तथ्य नहीं है। ...
इस मामले में सुनवाई के दौरान गुलाम नबी आजाज की ओर से कपिल सिब्बल ने दलील देते हुए कहा कि 1990 से ही सीमा पार से आतंकवाद जारी है और सरकार को शरारती लोगों का पता लगाने में हो रही कठिनाई का मतलब यह नहीं है कि प्राधिकारी सारे नागरिकों के मौलिक अधिकार ही ...
पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा, ''चुनाव आते ही मोदी जी और अमित शाह जी असली मुद्दों को भूल जाते हैं और कभी एनआरसी की बात करते हैं तो कभी अनुच्छेद 370 की बात करते हैं। अनुच्छेद 370 से लोगों का पेट तो नहीं भरेगा, लोगों को रोजगार तो नहीं मिलेगा ...
इस मामले में पी चिदंबर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने याचिका का विरोध किया और कहा कि चिदंबरम पहले से ही सीबीआई की हिरासत में हैं, उसी अपराध में उन्हें हिरासत में लेने का ईडी के पास कोई आधार नहीं है। ...