रंजन गोगोई का जन्म 1954 में हुआ। वह भारत के पूर्व भारत मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। रजंन गोगोई ने 3 अक्टूबर 2018 को भारत के 46वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लिया था। उनके पिता केशब चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले पूर्वोत्तर भारत के पहले व्यक्ति और पहले असमी हैं। राम मंदिर पर फैसला सुनाया। Read More
न्यायालय ने खुद को विवादों में उस वक्त पाया जब भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे। बहरहाल, बाद में उन्हें इस मामले में क्लीन चिट मिल गई। भारत के प्रधान न्यायाधीशों को लेकर पहले भी विवाद हुए हैं, लेकिन न्यायमूर्ति ...
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भारतीय संविधान को अंगीकृत करने के 70 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विधानसभा में भारत के संविधान तथा मूल कर्तव्यों पर हुई चर्चा में भाग ले रहे थे। उन्होंने कहा, “ उच्चतम न्यायालय के चार न्यायाधीशों ने कहा कि देश में लोकतंत्र क ...
भारत के नये प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे के अलावा न्यायाधीश एन वी रमन, न्यायाधीश अरुण मिश्रा, न्यायाधीश आर एफ नरीमन और न्यायाधीश भानुमति कॉलेजियम का हिस्सा होंगे। न्यायाधीश भानुमति 1988 में तमिलनाडु में जिला एवं सत्र न्यायाधीश बनी थीं। ...
न्यायमूर्ति बोबडे ने अंग्रेजी में ईश्वर के नाम पर शपथ ली। प्रधान न्ययाधीश के रूप में न्यायमूर्ति बोबडे का कार्यकाल 17 महीने से अधिक रहेगा और वह 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होंगे। न्यायमूर्ति बोबडे ने शपथग्रहण करने के तुरंत बाद अपनी मां के चरण स्पर ...
धर्मसभा में पहुंचीं केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा, ‘‘राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर जो देशहित में होगा, सरकार वही करेगी।’’ उन्होंने संतों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी आस्था का सम्मान करेगी। ...
भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के कक्ष संख्या एक में पीठ में अंतिम बार शामिल हुए. न्यायमूर्ति गोगोई महज चार मिनट के लिए इस पीठ में बैठे. पीठ में उनके अतिरिक्त न्यायमूर्ति एस.ए. बोबड़े भी थे, जो देश के अगले प्रधान न्यायाधीश बनने वाल ...
न्यायमूर्ति नरीमन ने अल्पमत वाले फैसले में कहा, ‘‘प्रत्येक व्यक्ति यह याद रखे कि भारत का संविधान पवित्र ग्रंथ है और इस पुस्तक को अपने हाथों में लेकर भारत के नागरिक एक राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ेंगे, ताकि वे भारत के इस विशाल अधिकारपत्र द्वारा तय किये ...
देश के 46 वें एवं पूर्वोत्तर के किसी राज्य से भारत के प्रथम सीजेआई न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के लिये यह जरूरी नहीं है कि न्यायाधीश प्रेस के जरिये हमारे नागरिक वर्ग तक पहुंचे। ...