जेपी नड्डा मूल रुप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। इनका जन्म 2 दिसंबर 1960 को हुआ है। जेपी नड्डा के पिता झारखंड के रांची यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे। यही वजह था कि इनका झारखंड के साथ ही बिहार से भी गहरा जुड़ाव था। नड्डा ने अपनी राजनीति की शुरुआत पटना यूनिवर्सिटी से 1970 के दशक में की थीं। यह वही दौर था जब देश में इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगा दिया था। इसके बाद नड्डा ने 1975 में जेपी आंदोलन में भी भाग लिया। इसके बाद जगत प्रकाश नड्डा बिहार में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए। 1977 में छात्र संघ का चुनाव लड़ा और सचिव बने थे।1993 में हिमाचल प्रदेश में ही नड्डा विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद हिमाचल प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बने। जेपी नड्डा 2012 में पहली बार राज्यसभा सदस्य चुने गए थे। इसके बाद एक तरह से देखा जाए तो राष्ट्रीय राजनीति में उनकी एंट्री हो गई थीं। नरेंद्र मोदी सरकार बनी तो वह इस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी बने। Read More
मणिपुर में इस माह के शुरू में आसानी से विश्वासमत जीतने के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की थी। सिंह कांग्रेस के उन छह पूर्व विधायकों के साथ दिल्ली पहुंचे हैं जो पार्टी व् ...
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को कोविड-19 से लड़ने के लिए पीएम केयर्स कोष में आई दान की राशि को राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) में स्थानांतरित करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया। ...
पार्टी छोड़ने वालों में ओकराम हेनरी सिंह, ओइनम लुखोई, मोहम्मद अब्दुल नासिर, पाओनाम ब्रोजन, नगमथांग हाओकिप और गिनसुआनहाऊ शामिल हैं। हेनरी सिंह कांग्रेस विधायक दल के नेता ओ इबोबी सिंह के भतीजे हैं। ...
भाजपा सूत्रों ने कहा कि फड़नवीस को पार्टी नेतृत्व ने चुनावी तैयारियों के लिए चुना है और उन्होंने हाल ही में पार्टी की बिहार कोर कमेटी की एक बैठक में भाग लिया था। ...
24 घंटों में भाजपा के करीब एक दर्जन नेताओं ने पार्टी का त्याग कर दिया तो पिछले 10 दिनों में भाजपा का साथ छोड़ने वालों की संख्या करीब 3 दर्जन हो चुकी है। सिर्फ भाजपा ही नहीं बल्कि अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी आतंकी चेतावनियों के आगे झुकते हुए सोशल मीड ...