हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु के 8वें अवतार श्रीकृष्ण के जन्मदिवस को 'जन्माष्टमी' के रूप में मनाया जाता है। भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी की मध्यरात्रि को ही भगवान श्रीकृष्ण ने अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में जन्म लिया था। उनके आगमन दिवस की खुशी में ही हर साल इस तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। Read More
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है, वहीं देश के कुछ हिस्सों में एक दिन पहले मंगलवार को ही जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा चुका है। ...
नाथद्वारा ब्रज संस्कृति से ओतप्रोत होने के कारण, यहां के रीति-रिवाज उत्सव-त्यौहार सभी पर ब्रजभूमि की सांस्कृतिक परम्पराओं की छाप स्पष्ट दिखाई देती है। ...
कोविड-19 महामारी का असर मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में दही-हांडी उत्सव पर भी देखने को मिला और इसकी वजह से त्यौहार फीका रहा। यहां के मंडलों ने पिछले वर्षों के मुकाबले इस साल सादे तरीके से ही त्योहार मनाने का निर्णय लिया था। ...
श्रीमद्भागवत के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने प्राग्ज्योतिषपुरी के राजा नरकासुर का वध किया था। नरकासुर ने 16 हजार स्त्रियों को बंदी बनाया था। नरकासुर के मरते ही वे सभी स्वतंत्र हो गईं। श्रीकृष्ण ने उन सभी के साथ विवाह किया। ...
पूर्णिमा के बाद भादो का महीना लग गया है। भादो के महीने की षष्ठी को बलराम और अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इस दिन पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है। ...
पूर्णिमा के बाद भादो का महीना लग गया है। भादो के महीने की षष्ठी को बलराम और अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस दिन पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है। जन्माष्टमी पर राहुकाल दोपहर 12:27 बजे से 02:06 बजे तक रहेगा। ...
जन्माष्टमी के दिन श्रद्धालु सौभाग्य, ऐश्वर्य, यश, कीर्ति, पराक्रम और वैभव के लिए भगवान श्रीकृष्ण के नामों को जाप करते हैं। आइयो आपको बताते हैं भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम.. ...
पूर्णिमा के बाद भादो का महीना लग गया है। भादो के महीने की षष्ठी को बलराम और अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस दिन पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है। जन्माष्टमी पर राहुकाल दोपहर 12:27 बजे से 02:06 बजे तक रहेगा। इस बार जन्माष्टमी पर कृतिका नक्षत्र ...