Janmashtami 2020: कोरोना महामारी के चलते ‘दही-हांडी’ उत्सव पड़ा फीका, भक्तों ने जताया दुख

By गुणातीत ओझा | Published: August 12, 2020 06:34 PM2020-08-12T18:34:55+5:302020-08-12T18:34:55+5:30

कोविड-19 महामारी का असर मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में दही-हांडी उत्सव पर भी देखने को मिला और इसकी वजह से त्यौहार फीका रहा। यहां के मंडलों ने पिछले वर्षों के मुकाबले इस साल सादे तरीके से ही त्योहार मनाने का निर्णय लिया था।

Janmashtami 2020: Dahi-Handi festival faded due to Corona epidemic devotees expressed grief | Janmashtami 2020: कोरोना महामारी के चलते ‘दही-हांडी’ उत्सव पड़ा फीका, भक्तों ने जताया दुख

कोरोना महामारी के चलते इस साल दही हांडी का उत्सव रहा फीका।

Highlightsकोरोना महामारी के चलते दही-हांडी उत्सव फीका रहा। मानव पिरामिड बनाने के बदले मंडल इस अवसर पर स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण अभियान चला रहे हैं।

मुंबई। कोविड-19 महामारी का असर मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में दही-हांडी उत्सव पर भी देखने को मिला और इसकी वजह से त्यौहार फीका रहा। यहां के मंडलों ने पिछले वर्षों के मुकाबले इस साल सादे तरीके से ही त्योहार मनाने का निर्णय लिया था। सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देशों को देखते हुए दही-हांडी मंडल मानव पिरामिड बनाकर दही हांडी नहीं फोड़ रहे हैं। यह उत्सव भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के मौके पर मनाया जाता है। मानव पिरामिड बनाने के बदले मंडल इस अवसर पर स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण अभियान चला रहे हैं। इसके तहत वे रक्तदान शिविर लगा रहे हैं और स्थानों से प्लास्टिक हटाने के कार्य में जुटे हैं। अनेक वर्षों से महाराष्ट्र में यह उत्सव काफी धूमधाम से मनाया जाता रहा है , खासतौर पर मुंबई और पड़ोसी क्षेत्र ठाणे में इस अवसर पर काफी जश्न का माहौल रहता था। दही-हांडी आयोजनों में धार्मिक संस्थाएं, नेता और रंगे-बिरंगे कपड़े पहने गोविंदा के रूप में युवाओं की टोली हिस्सा लेती थी।

कई सामाजिक समूह भी दही-हांडी कार्यक्रम आयोजित कराते थे। सफलतापूर्वक मटकी फोड़ने वाले समूह को नकद राशि भी दी जाती थी। इस हांडी में दही और मक्खन रखा जाता है और यह रस्सी की मदद से काफी ऊंचाई पर बंधी होती है। लेकिन इस साल सिर्फ सांकेतिक तौर पर ही दही-हांडी मटकी फोड़ी जा रही है। सामाजिक दूरी बनाते हुए मास्क पहनकर सांकेतिक तौर पर कार्यक्रम को पूरा किया जा रहा है। मुंबई के घाटकोपर क्षेत्र से भाजपा विधायक राम कदम ने कहा कि सामान्य स्थिति में उनके मंडल के दही-हांडी उत्सव में पांच-छह लाख लोग आते हैं। कदम ने कहा , ‘‘ आम समय में दही-हांडी उत्सव का हमारा आयोजन भारत में सबसे बड़े स्तर पर होता है। लेकिन इस साल कोविड-19 संकट के मद्देनजर इसे हमने सादे तरीके से सामाजिक दूरी बनाते हुए मनाया। मानव पिरामिड नहीं बनाया गया। बस सांकेतिक तरह से त्योहार मनाने के लिए एक बच्चे ने टेबल पर चढ़कर ऊपर टंगी हांडी को फोड़ा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इस साल हमने चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने और आत्मनिर्भर भारत बनाने का संदेश दिया है।’’

दही-हांडी उत्सव समन्वय समिति के प्रमुख बाला पडेलकर ने कहा कि इस साल लोगों का उत्साह पहले जैसा नहीं है और विभिन्न मंडलों के कई सदस्य दही-हांडी फोड़ने के लिए इस बार यात्रा करने पर सहमत नहीं हुए। इस मंडल में 950 से अधिक समूह हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने बिना जश्न और मानव पिरामिड बनाए बगैर अपने क्षेत्र में पूजा की। वहीं शहर में ऊंची-ऊंची मानव पिरामिड श्रृंखला बनाने के लिए मशहूर जय जवान गोविंदा पाठक (दस्ते) के कोच संदीप धावले ने बताया कि सामाजिक दूरी अभी की जरूरत है और सादे तरीके से त्योहार मनाना सबके हित में है। उन्होंने कहा कि उनके मंडल ने बुधवार को इस त्योहार के मौके पर सामाजिक दूरी के नियम का पालन करते हुए प्लास्टिक मुक्त मुंबई और स्वच्छ पर्यावरण की पहल की।

Web Title: Janmashtami 2020: Dahi-Handi festival faded due to Corona epidemic devotees expressed grief

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