मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले एस जयशंकर का जन्म दिल्ली में हुआ। उनके दिवंगत पिता के. सुब्रमण्यम भारत के प्रमुख रणनीतिक विश्लेषकों में से एक माने जाते रहे हैं। एस. जयशंकर की शिक्षा एयरफोर्स स्कूल और सेंट स्टीफेंस कॉलेज में हुई। जयशंकर ने पॉलिटिकल साइंस से एमए करने के अलावा एम फिल और पीएचडी भी किया है। वह इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटिजक स्टडी लंदन के भी सदस्य हैं। 1977 बैच के आईएफएस अधिकारी एस. जयशंकर की विदेश मामलों में अच्छी पैठ है और वे काफी तेज-तर्रार अफसर माने जाते हैं। एस. जयशंकर को जनवरी 2015 में केंद्र सरकार ने विदेश सचिव बनाया था। Read More
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘हमने ये खबरें देखी हैं कि जाहिर तौर पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की सरकार ने सेवाओं का नाम बदलकर कुछ और कर दिया है। हम इसे देख रहे हैं।’’ ...
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पहुंचने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला जयपाल (54) ने इस महीने की शुरुआत में कश्मीर पर प्रस्ताव पेश किया। वह इस विषय पर देशभर के भारतीय मूल के लोगों की सोच को नजरअंदाज करते हुए प्रस्ताव पेश करने की अपनी पूर्व घोषित योजना पर आ ...
एच-1 बी वीजा गैर आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को खासतौर से तकनीकी विशेषज्ञता वाले पेशों में विदेशी कर्मियों को नौकरी देने की अनुमति देता है। आईटी कंपनियां इस आधार पर हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों कर्मियों को नौकरी देती हैं। ...
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा, “ताजा लेकिन अपुष्ट रिपोर्ट के अनुसार 18 की मौत हो चुकी है। कुछ लापता लोग मृतकों में शामिल हो सकते हैं जिसकी जानकारी अभी नहीं मिल पाई है क्योंकि शव जले हुए थे।” ...
अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर नीत भारतीय शिष्टमंडल ने भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया, जबकि जापान का नेतृत्व वहां के विदेश मंत्री तोशीमित्शु मोतेगी और रक्षा मंत्री तारो कोनो ने किया। ...
राष्ट्रपति राजपक्षे के मंगलवार को पदभार संभालने के कुछ घंटे बाद हुई इस बैठक के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के साथ गर्मजोशी के साथ मुलाकात हुई। साझा शांति, प्रगति, समृद्धि और सुरक्षा के लिए साझेदारी संबंधी प्रधानम ...
‘कोलंबो गजट’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार जयशंकर मंगलवार की शाम श्रीलंका पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रपति राजपक्षे को विदेश की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के रूप में भारत आने का निमंत्रण दिया था। ...
दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा, ''इस समय कोई भी समझौता नहीं होना एक खराब समझौता होने से बेहतर है।'' विदेश मंत्री ने आगे कहा, ''विश्व मंच पर भारत की स्थिति लगभग तय थी लेकिन चीन के साथ 1962 के युद्ध ने उसे काफी नुकसान पहुंचाया।'' ...