भारत-जापान के बीच प्रथम ‘टू प्लस टू’ वार्ता, कई सामरिक मुद्दों पर चर्चा, रणनीतिक साझेदारी पर जोर

By भाषा | Published: November 30, 2019 07:02 PM2019-11-30T19:02:09+5:302019-11-30T19:02:09+5:30

अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर नीत भारतीय शिष्टमंडल ने भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया, जबकि जापान का नेतृत्व वहां के विदेश मंत्री तोशीमित्शु मोतेगी और रक्षा मंत्री तारो कोनो ने किया।

First two to two talks between India and Japan, discussion on several strategic issues, emphasis on strategic partnership | भारत-जापान के बीच प्रथम ‘टू प्लस टू’ वार्ता, कई सामरिक मुद्दों पर चर्चा, रणनीतिक साझेदारी पर जोर

अधिकारियों ने बताया कि सिंह और कोनो ने भारत-जापान रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग के विभिन्न अहम पहलुओं पर चर्चा की।

Highlightsमोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे द्वारा लिये गये एक फैसले के बाद नयी रूपरेखा के तहत वार्ता हो रही है। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात दोनों देशों के रक्षा एवं विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली पहली वार्ता से पूर्व हुई।

भारत एवं जापान ने विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में अपनी विशेष रणनीतिक साझेदारी को और अधिक गति प्रदान करने के लिये शनिवार को विदेश और रक्षा मंत्री स्तर की पहली बैठक की।

अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर नीत भारतीय शिष्टमंडल ने भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया, जबकि जापान का नेतृत्व वहां के विदेश मंत्री तोशीमित्शु मोतेगी और रक्षा मंत्री तारो कोनो ने किया।

पिछले साल 13 वें भारत-जापान वार्षिक सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे द्वारा लिये गये एक फैसले के बाद नयी रूपरेखा के तहत वार्ता हो रही है। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने जापानी समकक्ष से वार्ता की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को अपने जापानी समकक्ष तारो कोनो से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उत्पन्न सुरक्षा परिदृश्य समेत कई सामरिक मुद्दों पर वार्ता की। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात दोनों देशों के रक्षा एवं विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली पहली वार्ता से पूर्व हुई।

अधिकारियों ने बताया कि सिंह और कोनो ने भारत-जापान रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग के विभिन्न अहम पहलुओं पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उत्पन्न सुरक्षा परिदृश्य की भी समीक्षा की। भारत और जापान दोनों देश हिंद-प्रशांत में क्षेत्रीय शांति, समृद्धि एवं स्थिरता के लिए व्यापक एवं वृहद दृष्टिकोण तैयार करने पर जोर दे रहे हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन तेजी से सैन्य एवं आर्थिक प्रभाव का विस्तार कर रहा है जिससे क्षेत्र एवं उससे अलग विभिन्न देशों में चिंताएं बढ़ गई हैं।

सिंह-कोनो की बैठक में दोनों पक्षों ने समुद्री सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाने पर भी फैसला किया। भारत, जापान और अमेरिका वार्षिक मालाबार समुद्री अभ्यास का हिस्सा रहे हैं जिसका उद्देश्य तीनों देशों की नौसेनाओं के बीच आपस में संचालन समन्वय को और बेहतर करना था।

अधिकारियों ने बताया कि दोनों मंत्रियों ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण ढांचे के तहत हथियार एवं सैन्य हार्डवेयर के विकास में संबंधों को बढ़ाने पर भी चर्चा की। रक्षा संबंधों में बढ़ते सामंजस्य के मद्देनजर दोनों सामरिक सहयोगी पहले ही सैन्य मंचों के संयुक्त विकास का फैसला कर चुके हैं। बताया जाता है कि दोनों पक्षों ने लंबे समय से लंबित यूएस-2 एम्फीबियस विमान की जापान द्वारा भारत को आपूर्ति के मुद्दे पर भी चर्चा की।

Web Title: First two to two talks between India and Japan, discussion on several strategic issues, emphasis on strategic partnership

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