हिन्दू पंचांग के अनुसार एक साल में कुल 24 एकादशियां पड़ती हैं। सभी एकादशियों में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण निर्जला एकादशी का व्रत है। इसके करने से सभी एकादशियों का फल साधक को मिलता है। ऐसी भी मान्यता है कि निर्जला एकादशी को महाभारत काल में पांडु पुत्र भीम ने किया था। इसलिए इसे भीम एकादशी भी कहते हैं। Read More
Yogini Ekadashi 2019: व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस व्रत का इसलिए भी महत्व है कि इसके बाद देवशयनी एकादशी आता है जिसमें भगवान विष्णु चार महीने के लिए शयन में चले जाते हैं। ...
निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ दूसरे लोगों को पानी पिलाने का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि आप इस दिन अगर स्वयं प्यासे रहकर दूसरे लोगों और प्राणियों को पानी पिलाते हैं तो व्रत का फल जरूर मिलता है। ...
निर्जला एकादशी के दिन साधक पूरे मन से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। वे भगवान को तुलसी के पत्ते, फूल, फल और मिठाई आदि चढ़ाते हैं। आप पास के किसी मंदिर भी जा सकते हैं। ...
निर्जला एकादशी व्रत सबसे कठोर व्रतों में एक है। इस दिन साधक पानी का एक बूंद भी ग्रहण नहीं करता। वैसे, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ दूसरे लोगों को पानी पिलाने का विशेष महत्व है। ...
निर्जला एकादशी व्रत को सबसे कठिन व्रतों में शामिल किया जाता है। कई ऐसी बातें हैं, जिसका साधक को इस व्रत को करने के समय विशेष ध्यान रखना चाहिए। जानिए, इस दिन क्या नहीं करें... ...