Nirjala Ekadashi: निर्जला एकादशी का व्रत आज, जानिए इस साल कब-कब पड़ेगा एकादशी का व्रत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 12, 2019 11:53 AM2019-06-12T11:53:22+5:302019-06-13T07:26:59+5:30
निर्जला एकादशी व्रत सबसे कठोर व्रतों में एक है। इस दिन साधक पानी का एक बूंद भी ग्रहण नहीं करता। वैसे, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ दूसरे लोगों को पानी पिलाने का विशेष महत्व है।
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इस मौके पर भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। हिंदू पंचाग के अनुसार एक साल में कुल 24 व्रत होते हैं। इन सभी में वैसे सबसे ज्यादा महत्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी में पड़ने वाले निर्जला एकादशी व्रत का है। मान्यताओं के अनुसार यह ऐसा व्रत है जिसे करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और साल भर की सभी एकादशियों का फल केवल एक दिन के इस व्रत को करने से मिलता है।
मान्यता है कि इस व्रत महाभारत के काल में पांडु पुत्र भीम ने किया था। इसलिए इसे भीम एकादशी भी कहते हैं। इस साल 13 जून (गुरुवार) को निर्जला एकादशी का व्रत है। वैसे, आईए, हम आपको बताते हैं कि जून सहित पूरे साल (2019 में) यानी दिसंबर तक कुल कितने एकादशी के व्रत पड़ने वाले हैं और ये कब-कब हैं।
एकादशी के व्रत इस साल कब-कब
13 जून | निर्जला एकादशी |
29 जून | योगिनी एकादशी |
12 जुलाई | देवशयनी एकादशी |
28 जुलाई | कामदा एकादशी |
11 अगस्त | पवित्रा एकादशी |
26 अगस्त | अजा एकादशी |
9 सितंबर | पद्मा एकादशी |
25 सितंबर | इंदिरा एकादशी |
9 अक्टूबर | पापकुशा एकादशी |
24 अक्टूबर | रमा एकादशी |
08 नवंबर | देवप्रबोधिनी एकादशी |
22 नवंबर | उत्पत्ति एकादशी |
8 दिसंबर | मोक्षदा एकादशी |
22 दिसंबर | सफला एकादशी |
निर्जला एकादशी व्रत सबसे कठोर व्रतों में एक है। इस दिन साधक पानी का एक बूंद भी ग्रहण नहीं करता। वैसे, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ दूसरे लोगों को पानी पिलाने का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि आप इस दिन अगर लोगों और दूसरे जीव को पानी पिलाते हैं तो आपको पूरे व्रत का ही फल मिल जाता है।
निर्जला एकादशी करने वाले साधक को तड़के उठकर स्नान कर भगवान विष्णु के सामने व्रत का संकल्प करना चाहिए। इसके बाद पूजन शुरू करें। भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है। ऐसे में उन्हें पीले फल, पीले फूल, पीले पकवान आदि का भोग लगाएं। दीप जलाएं और आरती करें। इस दिन दान का भी विशेष महत्व है।