Devshayani Ekadashi 2019: देवशयनी एकादशी 12 जुलाई को, जानें पूजा-विधि और शुभ मुहूर्त
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 9, 2019 10:05 AM2019-07-09T10:05:40+5:302019-07-09T10:05:40+5:30
देवशयनी एकादशी 11 जुलाई को रात 3.08 बजे से 12 जुलाई की रात 1.55 मिनट तक रहेगा। इस दौरान प्रदोष काल शाम 5.30 से 7.30 तक होगा।
सनातन धर्म में एकदाशी का विशेष महत्व है। एक साल में 24 एकादशी के व्रत होते हैं। इसी में एक देवशयनी एकदशी है जो भगवान विष्णु को ही समर्पित है। आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ने वाला देवशयनी एकादशी इस बार 12 जून को पड़ रहा है।
शास्त्रों में इस एकादशी को सौभाग्य प्रदान करने वाली एकादशी बताया गया है। इसी एकादशी से भगवान विष्णु अगले चार महीने (कार्तिक मास तक) के लिए शयन करने भी चले जाते हैं। इस वजह से इस एकादशी का महत्व और बढ़ जाता है।
देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी भी कहा गया है। दरअसल, आषाढ़ मास से कार्तिक तक चार मास चतुर्मास कहे जाते हैं। इस दौरान कोई मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं। कार्तिक मास में पड़ने देवउठनी एकादशी के बाद एक बार फिर मंगल कार्य शुरू कर दिये जाते हैं।
Devshayani Ekadashi: देवशयनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
देवशयनी एकादशी 11 जुलाई को रात 3.08 बजे से 12 जुलाई की रात 1.55 मिनट तक रहेगा। इस दौरान प्रदोष काल शाम 5.30 से 7.30 तक होगा। साधक व्रत का पारण 13 जुलाई को सूर्योदय के बाद कर सकेंगे।
Devshayani Ekadashi: क्या है देवशयनी एकादशी की पूजा विधि
देवशयनी एकादशी करने वाले साधक को एक दिन पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। उसे एक दिन पहले सात्विक भोजन करना चाहिए। साथ ही ब्रह्मचर्य का भी पालन किया जाना चाहिए। इस दिन साधक को तड़के उठ जाना चाहिए और घर-मंदिर आदि की साफ-सफाई करनी चाहिए। इसके बाद स्नान आदि कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
इस दिन साधक को पूजा ब्रह्म मुहूर्त में करना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु को स्नान कराये और नये वस्त्र पहनाएं। भगवान विष्णु की पूजा इस दिन शयन अवस्था में की जाती है। भगवान के सामने घी के दीपक जलाएं और सफेल फूल उन्हें अर्पित करें। इस दिन पूजा के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ का भी विशेष महत्व है।