राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 12 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया है। इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता (संशोधन) विधेयक शीतकालीन सत्र 2019 में राज्यसभा द्वारा और सोमवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था। इसके पारित होने के बाद से ही पूर्वोत्तर सहित देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे है। कई राजनीतिक संगठन इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच हैं। Read More
2 मिनट 20 सेकेंड के इस वीडियो को सोनू गुप्ता नाम के फेसबुक यूजर ने पोस्ट किया था जो वायरल हो गया। वीडियो को लेकर इंटरनेट पर अलग-अलग कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर सर्च करने पर सच्चाई सामने आ गई। ...
इस प्राथमिकी में 20 लोगों को नामजद किया गया है जबकि छह सौ अज्ञात लोगों को शामिल किया गया है। इन लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी का मामला दर्ज किया गया है। जिन 600 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें 400 पुरुष एवं दो सौ महिलायें हैं। ...
पुलिस के उपमंडल अधिकारी (एसडीओपी) ए वी सिंह ने शुक्रवार को बताया कि इस मामले में स्थानीय बस स्टैंड के पास स्थित भारत ज्योति स्कूल के प्रबंधन ने शिकायत दर्ज करायी है। उन्होंने बताया, ‘‘स्कूल के प्रबंधक फादर जेम्स डिसूजा ने शिकायत दी है कि एनएसयूआई के ...
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेताओं ने त्रिपुरा में ब्रू जनजाति के सदस्यों के पुनर्वास एवं बोडो समझौते के लिये प्रधानमंत्री की सराहना की। इससे पहले बैठक के दौरान जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने सरकार से राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की प्रश्नावली ...
बंगाल भाजपा की तरफ से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए चार फिल्में बनाने वाली संघमित्रा चौधरी ने कहा कि उन्होंने पिछले महीने 27 दिसंबर को प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। उन्होंने दावा किया कि इस देरी से राज्य में भाजपा का सीएए समर्थक अभियान प्रभावित होगा ...
सरकार ने बजट सत्र के दौरान 45 विधेयक पेश करने के लिए चिह्नित किए हैं. इनमें से सात वित्तीय विषय से जुड़े हैं और दो अध्यादेश से जुड़े हैं. बजट सत्र में कुल 39 बैठकें होंगी. ...
त्रिपुरा, मिजोरम, केंद्र सरकार और ब्रू जनजाति के बीच हुए ऐसे ही एक और ऐतिहासिक समझौते से, न सिर्फ दशकों पुरानी समस्या हल हुई है बल्कि इससे ब्रू जनजाति के हजारों लोगों के लिए सुरक्षित जीवन भी सुनिश्चित हुआ है। ...