बजट केंद्र सरकार के वित्तीय लेनदेन की जानकारी देने वाली सबसे विस्तृत रिपोर्ट है। इसमें सरकार को सभी स्रोतों से प्राप्त होने वाले राजस्व और विभिन्न गतिविधियों के लिए आवंटित व्यय की जानकारी होती है। बजट में सरकार साल भर में टैक्स से होने वाली आमदनी का अनुमान लगाती है और इसी के आधार पर सरकारी योजनाओं में खर्च का खाका तैयार करती है। मोदी सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी बजट वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने पेश किया। Read More
बजट अब सरकारी लेखा जोखा बनकर रह गया है, पर पिछली छह तिमाही से लगातार जीडीपी ग्रोथ घटने, बेरोजगारी 6 फीसदी हो जाने और राजस्व नहीं बढ़ने से बजट-2020 वित्त मंत्नी निर्मला सीतारमण के लिए चैलेंज बन गया है. ...
वित्त मंत्नी अर्थव्यवस्था में मंदी को नकारती हैं, पर मानती हैं कि सुस्ती है. इस सुस्ती को दूर करने के लिए विगत दो माह में उन्होंने तीन दर्जन घोषणाएं कीं. रिजर्व बैंक ने भी ब्याज दरें लगातार 5 बार घटाईं. इन राहत पैकेज से शेयर मार्केट तो दौड़ पड़ा, पर ...
उल्लेखनीय है कि भारतीय मजदूर संघ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरकार की किराना, ई-कॉमर्स, लघु उद्योग सहित कई नीतियों पर अप्रसन्नता व्यक्त करता रहा है. ...
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पांच जुलाई 2019 को ही पेश किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, हालांकि, इससे पहले इसी तरह की आपत्तियों का जवाब देते हुये यह दावा कर चुकीं हैं कि बजट में दिया गया प्रत्येक आंकड़ा प्रामाणिक है। ...
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की बजट इकाई के बजट परिपत्र (2020-21) के अनुसार, ‘‘बजट पूर्व / संशोधित अनुमान को बैठकें 14 अक्टूबर 2019 से शुरू होगी...।’’ ...
पिछले पांच वित्त वर्ष में वाणिज्यिक कर संग्रह में कमी आयी है। इसमें औसतन 13.6 प्रतिशत की वृद्धि होती रही है जबकि चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में इसमें 6.61 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ...