वित्त मंत्री के बजट आंकड़े वास्तविक घाटे को छुपाते हैं: यशवंत सिन्हा

By भाषा | Published: November 18, 2019 05:11 AM2019-11-18T05:11:47+5:302019-11-18T05:11:47+5:30

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पांच जुलाई 2019 को ही पेश किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, हालांकि, इससे पहले इसी तरह की आपत्तियों का जवाब देते हुये यह दावा कर चुकीं हैं कि बजट में दिया गया प्रत्येक आंकड़ा प्रामाणिक है।

Finance Minister's budget figures hide real deficit: Yashwant Sinha | वित्त मंत्री के बजट आंकड़े वास्तविक घाटे को छुपाते हैं: यशवंत सिन्हा

सिन्हा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने उनके (यशवंत सिन्हा) कार्यकाल में लिये गये फैसलों की भी जांच पड़ताल की है

Highlightsयशवंत सिन्हा ने राजकोषीय घाटे को छुपाने के लिये फर्जी बजट आंकड़े पेश करने को लेकर निर्मला सीतारमण की आलोचना की सीतारमण ने बजट में इस साल एक फरवरी में पेश किये गये अंतरिम बजट के आंकड़ों को ही आधार बनाया।

पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने वास्तविक राजकोषीय घाटे को छुपाने के लिये फर्जी बजट आंकड़े पेश करने को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की रविवार को यहां आलोचना की है। सिन्हा ने ‘मुंबई लिटरेचर फेस्टिवल’ में अपने संबोधन में कहा कि सीतारमण ने बजट में इस साल एक फरवरी में पेश किये गये अंतरिम बजट के आंकड़ों को ही आधार बनाया।

हालांकि, नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने बाद में संशोधित अनुमानों को पांच जुलाई तक उपलब्ध करा दिया था। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पांच जुलाई 2019 को ही पेश किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, हालांकि, इससे पहले इसी तरह की आपत्तियों का जवाब देते हुये यह दावा कर चुकीं हैं कि बजट में दिया गया प्रत्येक आंकड़ा प्रामाणिक है।

सिन्हा ने कहा, ‘‘उन्होंने (वित्त मंत्री ने) संशोधित अनुमानों का इस्तेमाल किया ... क्योंकि राजस्व प्राप्ति इस कदर नीचे आ गई कि उन्हें यह दावा नहीं करना पड़े कि राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत ही रहेगा अथवा जो भी दावा रहा हो।’’

सिन्हा ने कहा कि उन्होंने कुछ सांसदों को बुलाया और उनके समक्ष बजट की विसंगतियों को रखा लेकिन किसी ने भी सदन में इन बातों को नहीं रखा। नौकरशाह से राजनीतिज्ञ बने सिन्हा ने कहा कि देश आज अव्यवस्था के दलदल में फंस चुका है। यह स्थिति छह महीने पहले जैसा सोचा जा रहा था उससे कहीं ज्यादा गंभीर है। अब यह अर्थव्यवस्था से भी आगे निकल चुकी है।

उन्होंने लेखक अतीश तासीर का ‘ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई)’ दर्जा वापस लिये जाने पर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि यह स्थिति आपातकाल जैसी है और अब ‘व्यक्तिगत बदले’ का जमाना शुरू हो गया है। तासीर का ओसीआई दर्जा इसलिये वापस लिया गया कि कथित तौर पर उन्होंने यह खुलासा नहीं किया था कि उनके पिता एक पाकिस्तानी नागरिक थे।

हालांकि, सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि तासीर का ओसीआई दर्जा वापस लिये जाने का टाइम पत्रिका में लिखे गये लेख से कोई लेना देना नहीं है। जेल में बंद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का उल्लेख करते हुये सिन्हा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने उनके (यशवंत सिन्हा) कार्यकाल में लिये गये फैसलों की भी जांच पड़ताल की है। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिवेश को आपातकाल जैसा बताते हुये कहा कि यह अघोषित आपातकाल, घोषित आपातकाल से कहीं ज्यादा घातक है। 

Web Title: Finance Minister's budget figures hide real deficit: Yashwant Sinha

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