अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ भूमि आवंटित की जाए। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 130 साल से चले आ रहे इस संवेदनशील विवाद का पटाक्षेप कर दिया है। इस विवाद ने देश के सामाजिक ताने बाने को तार तार कर दिया था। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। Read More
श्री श्री रविशंकर ने कहा, “हां, मैं अयोध्या पर फैसले से खुश हूं। मैं 2003 से कह रहा हूं कि दोनों समुदाय इस पर काम कर सकते हैं...एक तरफ मंदिर बनाइए और दूसरी तरफ मस्जिद। लेकिन ये जिद की मस्जिद वहीं बनानी है, उसका कोई मतलब नहीं है।” ...
नकवी ने कहा कि देश के इन दो प्रमुख मुस्लिम संगठनों पर उस वक्त निशाना साधा है जब इन दोनों ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ अगले कुछ दिनों के भीतर पुनर्विचार याचिका दायर करने की घोषणा की है। नकवी ने "पीटीआई-भाषा" को दिए साक्षात्कार में कहा कि मुस्ल ...
महंत दास ने यहां एक बयान में कहा कि नौ नवंबर को देश की सबसे बड़ी अदालत ने श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। ऐसे मे छह दिसम्बर को "खुशी और गम" जैसे कार्यक्रमों का कोई औचित्य नहीं रह जाता। ...
सुप्रीम कोर्ट ने गत नौ नवम्बर को अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राममंदिर बनवाने और मस्जिद बनाने के लिये सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने का सरकार को आदेश दिया था। ...
अयोध्या विवादः जीलानी ने बुधवार को बताया कि हम तो याचिका दाखिल करेंगे। याचिका दाखिल न करने के सुन्नी वक्फ बोर्ड के फैसले का हम पर कोई असर नहीं होगा। हमारे पास नौ दिसम्बर तक का वक्त है। हम उससे पहले दाखिल कर देंगे। ...
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में प्रमुख मुस्लिम पक्षकार रहा उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड इस मसले पर उच्चतम न्यायालय द्वारा हाल में दिये गये फैसले को चुनौती नहीं देगा। ...