जफरयाब जिलानी ने अयोध्या पुलिस पर लगाया मुद्दई लोगों को धमकाने का आरोप, प्रशासन ने किया इनकार
By भाषा | Published: November 28, 2019 04:18 AM2019-11-28T04:18:04+5:302019-11-28T04:18:04+5:30
Zafaryab Jilani: ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने अयोध्या पुलिस पर लगाया मुद्दई मुस्लिमों को प्रताड़ित करने का आरोप
लखनऊ: ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने अयोध्या पुलिस पर राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पुनर्विचार की याचिका दाखिल करने का इरादा जताने वाले मुद्दई मुस्लिमों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।
जिला प्रशासन ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि जिलानी के पास अगर इसका कोई सबूत है तो दिखाएं। जिलानी ने बुधवार को 'भाषा' से बातचीत में आरोप लगाया कि अयोध्या की पुलिस राम जन्मभूमि—बाबरी मस्जिद मामले में मुद्दई रहे मुस्लिम पक्षकारों को यह कहते हुए परेशान कर रही है कि अगर वे उच्चतम न्यायालय के हाल के आदेश पर पुनर्विचार की याचिका दाखिल करेंगे तो उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल में डाल दिया जाएगा।''
जिलानी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से पुनर्विचार याचिका जरूर दाखिल की जाएगी मगर यह किसकी तरफ से होगी, अभी उनका नाम नहीं बताया जा सकता, क्योंकि पुलिस उन्हें घर में घुसकर धमका रही है। पुलिस के रवैये की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि मुमकिन है कि वह उच्चतम न्यायालय में दाखिल होने वाली याचिका में भी पुलिस की इस हरकत का जिक्र करें। अगर कोई मुद्दई वक्त से न्यायालय नहीं पहुंचा तो वह अदालत से इसकी शिकायत करके सुरक्षा और कार्रवाई की मांग करेंगे।
इस बीच, अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने जिलानी के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि अगर उनके पास कोई सबूत है तो उसे पेश करें। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद अयोध्या में बने भाईचारे के माहौल को देखकर हताश हैं। अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने भी जिलानी के आरोपों को गलत बताया और कहा कि पुलिस या कोई भी व्यक्ति किसी से उसके संवैधानिक अधिकार नहीं छीन सकती। पुलिस आखिर उन्हें क्यों रोकेगी?
जिलानी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड में लिये गये फैसलों का हम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, ''हम तो याचिका दाखिल करेंगे। याचिका दाखिल न करने के सुन्नी वक्फ बोर्ड के फैसले का हम पर कोई असर नहीं होगा। हमारे पास नौ दिसम्बर तक का वक्त है। हम उससे पहले दाखिल कर देंगे। उसकी तारीख अभी नहीं बतायी जा सकती क्योंकि यह किसकी तरफ से होगी, इस पर फैसला होना अभी बाकी है।''
मालूम हो कि अयोध्या मामले में प्रमुख मुस्लिम पक्षकार रहे उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में आम राय से फैसला किया गया कि बोर्ड इस मामले में गत नौ नवम्बर को उच्चतम न्यायालय द्वारा विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण के दिये गये निर्णय पर पुनर्विचार की याचिका दाखिल नहीं करेगा।