अयोध्या फैसलाः अगर सुन्नी वक्फ बोर्ड 5 एकड़ भूमि लेने से करेगा इनकार तो शिया वक्फ बोर्ड दावा करेगा पेश, बनवाएगा मस्जिद की जगह अस्पताल
By रामदीप मिश्रा | Published: November 27, 2019 05:56 PM2019-11-27T17:56:56+5:302019-11-27T17:56:56+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने गत नौ नवम्बर को अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राममंदिर बनवाने और मस्जिद बनाने के लिये सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने का सरकार को आदेश दिया था।
अयोध्या फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिये उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पांच एकड़ जमीन नहीं लेता है तो वह खुद इसके लिए दावा पेश करेगा। शिया वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगा कि उसे जमीन आवंटित की जाए।
समाचाए एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने बुधवार (27 नवंबर) को को कहा कि हमने एक प्रस्ताव पारित किया है कि अगर सुन्नी वक्फ बोर्ड 5 एकड़ भूमि को स्वीकार करने से इनकार करता है, तो हम आवंटित भूमि के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे और कहेंगे कि हमें भूमि आवंटित की जाए। हम उस भूमि पर एक अस्पताल का निर्माण करेंगे, जहां सभी धर्मों के लोगों का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा।
वसीम रिजवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने गत नौ नवम्बर के अपने फैसले में खुद माना है कि बाबरी मस्जिद बाबर के शिया कमांडर मीर बाकी ने बनवाई थी, लिहाजा विवादित स्थल शिया वक्फ सम्पत्ति मानी जानी चाहिए। शिया वक्फ बोर्ड विवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए इसी आधार पर सरकार से जमीन मांग सकता है और उस पर जनहित में एक अस्पताल बनाए जाने का प्रस्ताव ला सकता है।
Waseem Rizvi,UP Shia Central Waqf Board chairman:We've passed a resolution that if Sunni Waqf Board refuses to accept the 5 acre land,we'll file plea to allot the land to us. We'll build a hospital on it where people from all religions will be treated free of cost #AyodhyaVerdictpic.twitter.com/dJqdtN0UHe
— ANI UP (@ANINewsUP) November 27, 2019
उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित रहे स्थल पर दावेदारी की शिया वक्फ बोर्ड की अपील खारिज कर दी है और बोर्ड इस निर्णय पर पुनर्विचार की याचिका नहीं दाखिल करेगा। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने गत नौ नवम्बर को अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राममंदिर बनवाने और मस्जिद बनाने के लिये सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने का सरकार को आदेश दिया था।
न्यायालय ने इससे ठीक पहले विवादित स्थल पर शिया वक्फ बोर्ड की दावेदारी सम्बन्धी अपील को खारिज कर दिया था। रिजवी का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सुन्नी वक्फ बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में मस्जिद बनाने के लिये जमीन लेने के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं हो सका। बोर्ड के सदस्यों ने इस मामले के शरई पहलुओं पर गौर करने के लिये और वक्त मांगा है।
अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष की रहनुमाई कर रहा आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड मस्जिद निर्माण के लिये जमीन लेने से पहले ही इनकार कर चुका है। रिजवी ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड का यह मानना है कि अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय ने जो भी फैसला किया है वह अन्तिम है और राम जन्म भूमि—बाबरी मस्जिद प्रकरण के विवाद का अन्त है। फैसले पर किसी भी तरह की कोई पुनर्विचार याचिका दायर करने से देश के हालात खराब हो सकते हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)