भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में जेल गये। युवावस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े गये। आजादी के बाद 1957 में लोक सभा चुनाव जीतकर संसद पहुँचे। 1977 में जनता पार्टी सरकार में देश के विदेश मंत्री रहे। 1996 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने हालाँकि 13 दिनों बाद ही उनकी सरकार गिर गयी। 1998 में दोबारा पीएम बने लेकिन 13 महीनों बाद ही उन्हें पद छोड़ना पड़ा। अटल बिहारी वाजपेयी 1999 में तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने और अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी पीएम बने। साल 2004 के लोक सभा चुनाव में बीजेपी उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ी लेकिन उसे हार मिली। साल 2005 में खराब स्वास्थ्य के कारण अटल बिहारी वाजपेयी ने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली। अपने छह दशक लम्बे राजनीतिक जीवन में अटल बिहारी वाजपेयी 10 बार लोक सभा सांसद और दो बार राज्य सभा सांसद रहे। साल 2015 में भारत सरकार ने उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। लम्बी बीमारी के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया। Read More
खर्च भुगतान की फाइल पिछले एक साल से विभागों में घूम रही है। बताया जा रहा है कि इस खर्च का भुगतान उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग को करना है। लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी पिछले एक साल खर्च भगुतान के लिए सरकार को पत्र लिख रही है, लेकिन बजट आवंटित नहीं किया गया ...
श्रीधरन ने दलील दी कि सब्सिडी देने की परम्परा से मेट्रो प्रबंधन द्वारा विदेशी एजेंसियों से लिया गया क़र्ज़ अदा करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो की इस प्रतिबद्धता का पालन देश के अन्य शहरों की मेट्रो सेवा द्वारा भी किया जा रहा है। ...
बतौर गृह मंत्री, शाह की सुरक्षा जरूरतों के मुताबिक इस बंगले को अगले एक महीने में तैयार कर दिया जाएगा. बंगले पर तैनात कर्मचारियों ने बताया कि शाह स्वयं बंगले का मुआयना कर जरूरत के मुताबिक मरम्मत आदि के काम का जायजा ले चुके हैं. ...
मेहमानों को राहत पहुंचाने के लिए इस समय राष्ट्रपति भवन में काफी संख्या में कूलर लगाए जाने की संभावना है। राष्ट्रपति भवन के अगले हिस्से में आयोजित होने वाले समारोह से यह संकेत मिलता है कि यह स्वतंत्र भारत में अनोखी घटना होगी। ...
दुनिया के इतिहास में 28 मई का दिन कई कारणों से खास है। दरअसल नेपाल में 240 सालों से चली आ रही राजशाही का अंत इसी दिन हुआ था। करीब दस साल तक चले गृहयुद्ध के बाद देश में शाह राजवंश के हाथों से देश की सत्ता जाती रही। इसके बाद से माओवादी देश की राजनीति क ...