आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
मनोज सिन्हा को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में जनता-प्रशासन के बीच संवाद व संपर्क को बढ़ाते हुए राजनीतिक माहौल तैयार करने के एजेंडे के साथ ही नियुक्त किया है। ...
जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से निपटने की भविष्य की रणनीति के बारे में सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के साथ लगी सीमा पर तकनीकी निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि आतंकवादी भारत में घुस न सके और युवाओं को कट्टरपंथ से बाहर लाने के प्रयास करने चाहिए। ...
जम्मू में पैंथर्स पार्टी ने विरोध रैली निकालने की नाकाम कोशिश के बाद धरना देकर अपना रोष प्रकट किया। हालांकि भारतीय जनता पार्टी की युवा इकाई ने मोटरसाइकिल रैली निकालने का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने नाकाम बना दिया। ...
संविधान की धारा -370 की समाप्ति की पहली वर्षगांठ पर पांच अगस्त बुधवार को आतंकियों और अलगाववादियों के हिंसा भड़काने की आशंका को देखते हुए प्रदेश प्रशासन ने सोमवार देर रात से ही कश्मीर संभाग के विभिन्न जिलों में पाबंदियां लागू करते हुए जिला श्रीनगर में ...
पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था। श्रीनगर के जिलाधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी ने एक आदेश में कहा कि कर्फ्यू तत्काल प्रभाव से लागू होगा और चार तथा पांच अगस्त तक प्रभावी रहेगा। ...