जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने का एक साल: श्रीनगर में लगाया गया कर्फ्यू, 4-5 अगस्त को भी जारी रहेगा
By स्वाति सिंह | Published: August 4, 2020 07:16 AM2020-08-04T07:16:16+5:302020-08-04T07:16:16+5:30
पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था। श्रीनगर के जिलाधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी ने एक आदेश में कहा कि कर्फ्यू तत्काल प्रभाव से लागू होगा और चार तथा पांच अगस्त तक प्रभावी रहेगा।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने की पहली वर्षगांठ से पहले हिंसा और प्रदर्शनों के संबंध में ‘‘पुख्ता सूचना’’ के आधार पर प्रशासन ने सोमवार से शहर में कर्फ्यू लगा दिया है। पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था। श्रीनगर के जिलाधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी ने एक आदेश में कहा कि कर्फ्यू तत्काल प्रभाव से लागू होगा और चार तथा पांच अगस्त तक प्रभावी रहेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि श्रीनगर के पुलिस अधीक्षक ने सूचना दी है कि पुख्ता जानकारी मिली है कि अलगाववादी और पाकिस्तान प्रायोजित समूह पांच अगस्त को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाने, हिंसा और प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं। चौधरी ने कहा कि कोई भी बड़ा जमावड़ा कोविड-19 उन्मूलन की दिशा में किए गए कार्यों के लिए भी घातक सिद्ध होगा।
पिछले साल अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से आई हिंसा में कमी
अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल संवैधानिक बदलाव किए जाने के बाद से एकत्र आंकड़ों के तुलनात्मक विश्लेषण से पता चलता है कि जो अलगाववादी नेता कश्मीर में हड़ताल का आह्वान किया करते थे, वे शासन के कठोर कदमों से हताश हैं क्योंकि सरकार ने अलगाववादियों के बैंक खातों को सील करने और आतंकवाद के लिए मिलने वाले पैसे से अर्जित उनकी संपत्तियों को कुर्क करने जैसे कदम उठाए हैं। कम होती हिंसा के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए अधिकारियों ने बताया कि 2018 में पथराव की 532 घटनाएं हुईं, वहीं 2019 में 389 और 2020 में पथराव की 102 घटनाएं हुई हैं।
उन्होंने बताया कि 2018 के मुकाबले 2019 में पथराव की घटनाओं में 27 प्रतिशत की कमी आई, वहीं 2020 में पथराव की घटनाओं में 73 प्रतिशत की कमी आई है। अधिकारियों ने कहा कि 2018 में 2,268 पथराव करने वाले गिरफ्तार किए गए, वहीं 2019 में 1,127 और 2020 में 1,152 ऐेसे लोग गिरफ्तार किए गए। आंकड़ों के अनुसार 2018 में 583 आतंकवादी गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए गए, वहीं 2019 में 849 तथा 2020 में 444 आतंकवादी गिरफ्तार किए गए हैं।
अधिकारियों के अनुसार 2018 में 58 हुर्रियत नेता हिरासत में लिए गए, जबकि 2019 में 70 तथा 2020 में छह हुर्रियत नेता हिरासत में लिए गए। वहीं, 2019 में प्रतिबंधित जमात ए इस्लामी के 29 कार्यकर्ता तथा 2020 में इसके आठ कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए। वर्ष 2019 के बाद से सभी अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा और वाहन भी वापस ले लिए गए। आंकड़ों के अनुसार जांच के क्रम में अलगावादियों के 82 बैंक खातों में लेनदेन पर रोक लगा दी गयी है जिनमें 70,44,073 रुपये जमा थे और जमात ए इस्लामी के कार्यालयों वाले 19 परिसरों पर छापेमारी की गई।
इसके अलावा, गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत एक मामले में अलगाववादी नेता आसिया आंद्राबी का मकान कुर्क कर लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां आतंकी वित्तपोषण और अन्य मामलों के संबंध में लगातार नजर रख रही हैं तथा जरूरी कार्रवाई कर रही हैं।
अनुच्छेद 370 - भाजपा मनाएगी ऐतिहासिक पखवाड़ा
भाजपा एक तरफ जहां इसे ऐतिहासिक दिन करार देते हुए 5 अगस्त से 20 अगस्त तक पखवाड़ा मना रही है तो विपक्षी पार्टियों ने जम्मू -कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करवाने के मुद्दे पर आंदोलन छेड़ने के लिए सक्रि य हो गई है। जम्मू -कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे विपक्षी पार्टियां लामबंद होती दिख रही हैं। पैंथर्स पार्टी 5 अगस्त को विरोध प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस पार्टी भी राज्य का दर्जा बहाल की मांग कर रही हैं। पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव ने कहा कि हमारी पार्टी अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को हटाने के खिलाफ नहीं है लेकिन जम्मू -कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाए।