जम्मू-कश्मीरः दूसरे एलजी होंगे मनोज सिन्हा, राजनीतिक माहौल करेंगे तैयार, चारों सलाहकार नहीं बदले जाएंगे
By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 7, 2020 03:43 PM2020-08-07T15:43:44+5:302020-08-07T15:43:44+5:30
मनोज सिन्हा को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में जनता-प्रशासन के बीच संवाद व संपर्क को बढ़ाते हुए राजनीतिक माहौल तैयार करने के एजेंडे के साथ ही नियुक्त किया है।
जम्मूः एक साल पहले जिस जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा छोटा करते हुए उसे केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील कर दिया गया था वहां राजनीतिक माहौल पैदा करने के लिए ही प्रदेश की कमान अब आरएसएस से जुड़ाव रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री को कमान सौंपी गई है।
अगर सूत्रों पर विश्वास करें तो वे अपने ओहदे की पदौन्नित का वादा लेकर आए हैं जिसे जल्द राज्यपाल के रूप में बदले जाने की संभावना है। इसी कारण उनके चारों सलाहकारों को फिलहाल बदला नहीं जाएगा। अधिकारी कहते थे कि मनोज सिन्हा को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में जनता-प्रशासन के बीच संवाद व संपर्क को बढ़ाते हुए राजनीतिक माहौल तैयार करने के एजेंडे के साथ ही नियुक्त किया है।
उनके लिए जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया बहाली की जमीन तैयार करते हुए सुरक्षा परिदृश्य में लगातार सुधार लाना और मरनासन्न आतंकवाद को पूरी तरह से मिटाना ही सबसे बड़ी चुनौती होगी। उन्हें कोरोना से पैदा हालात में जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और विकास योजनाओं को गति देने की कठिनाइयों से भी पार पाना पड़ेगा।
मुर्मू को बयानबाजी में यकीन नहीं था और वह एक नौकरशाह थे
कश्मीर मामलों के एक विशेषज्ञ के बकौल, जीसी मुर्मू को बयानबाजी में यकीन नहीं था और वह एक नौकरशाह थे। मनोज सिन्हा भी जम्मू-कश्मीर के अंतिम राज्यपाल सत्यपाल मलिक की तरह एक सियासतदान हैं और यह यहां प्रशासन चलाने के अलावा सियासी मुद्दों पर भी बातचीत करेंगे। उन्हें हल करने का प्रयास करेंगे।
केंद्र ने उन्हें इसी मकसद से भेजा है। वह जीसी मुर्मू की तरह चुपचाप रहकर काम नहीं करेंगे बल्कि सत्यपाल मलिक की तरह सक्रिय रहेंगे। याद रहे गिरीश चंद्र मुर्मू के इस्तीफे के बाद वीरवार को ही 61 वर्षीय पूर्व केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का नया उपराज्यपाल बनाने पर मुहर लगा दी गई थी।
मनोज सिन्हा दोपहर बाद श्रीनगर भी पहुंच गए थे। अनुच्छेद 370 की समाप्ति का एक साल पूरा होते ही जीसी मुर्मू के अचानक इस्तीफे ने जितना हैरान किया, उतना ही मनोज सिन्हा की नियुक्ति ने सभी को चौंकाया भी, क्योंकि बुधवार देर रात तक उनके नाम का कोई जिक्र नहीं था। अलबत्ता, वीरवार सुबह राष्ट्रपति कार्यालय से जारी एक आदेश के साथ ही सभी कयास बंद हो गए।
इस बीच अधिकारियों के मुताबिक, जम्मू कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल जीसी मुर्मू के चारों सलाहकार फिलहाल नए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को अपनी सेवाएं प्रदान करते रहेंगे। सलाहकार फारूक खान, केके शर्मा, बसीर अहमद खान और राजीव राय भटनागर की नियुक्ति को बरकरार भी रखा सकता है।
उच्च पदस्थ प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि सामान्य तौर पर जब कोई राज्यपाल या उपराज्यपाल किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से हटता है तो उनके सलाहकार भी बदल जाते हैं, लेकिन हर बार ऐसा करना जरूरी भी नहीं होता, यह परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है। इसलिए चारों सलाहकार फिलहाल अपने पद पर बने रहेंगे।
मनोज सिन्हा ने ली शपथ जम्मू कश्मीर के दूसरे उपराज्यपाल के तौर पर
मनोज सिन्हा ने आज श्रीनगर राजभवन में केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश के दूसरे उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ग्रहण कर ली है। जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने उन्हें पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाई।
सिन्हा पहले उपराज्यपाल जीसी मुर्मू का इस्तीफा मंजूर होने के बाद गत वीरवार दोपहर को ही नई कमान संभालने के लिए श्रीनगर पहुंच गए थे। केंद्र सरकार ने पहले उपराज्यपाल जीसी मुर्मू को नियंत्रक और महालेखा परीक्षक नियुक्त किया है।
शपथ ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सिन्हा ने कहा कि कश्मीर भारत का स्वर्ग है, मुझे यहां भूमिका निभाने का अवसर दिया गया है। 5 अगस्त एक महत्वपूर्ण तारीख है, जम्मू कश्मीर मुख्यधारा में शामिल हुआ है। सालों बाद यहां कई परियोजनाएं शुरू हुईं, मेरी प्राथमिकता उन परियोजनाओं को आगे ले जाना होगा।
उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर की आम जनता में विश्वास बहाली, आतंकवाद को समाप्त करना उनके मुख्य लक्ष्यों में शामिल है। आम जनता में सरकार के प्रति विश्वास मजबूत करने के लिए वह उनसे सीधी बात करने का प्रयास करेंगे। इस पर जल्द ही काम शुरू होगा।
आम जनता अपनी परेशानियों को लेकर उन तक सीधा पहुंचे, इसकी व्यवस्था की जाएगी। आतंकवाद के खिलाफ जारी अभियान को तेज किया जाएगा। जम्मू कश्मीर में फिर से शांति कायम करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने प्रदेश की जनता को विश्वास दिलाया कि उन्हें सरकार की कार्यप्रणाली में किसी तरह का भेदभाव नजर नहीं आएगा। हरेक से समान व्यवहार किया जाएगा। सरकारी अधिकारियों को भी इस विकास योजनाओं में तेजी लाने की हिदायत दे दी गई है।
There won't be any bias against anyone. Constitutional powers will be used for people's welfare. I assure the people that their genuine grievances will be listened to and we will try to find a way to the solution. It is my aim to take forward the development here: J&K Lt Gov https://t.co/2u9iTdnkAH
— ANI (@ANI) August 7, 2020