एक साल बाद जम्मू-कश्मीर के 504 अलगाववादियों को किया गया रिहा

By भाषा | Published: August 6, 2020 05:34 PM2020-08-06T17:34:50+5:302020-08-06T17:34:50+5:30

जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से निपटने की भविष्य की रणनीति के बारे में सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के साथ लगी सीमा पर तकनीकी निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि आतंकवादी भारत में घुस न सके और युवाओं को कट्टरपंथ से बाहर लाने के प्रयास करने चाहिए।

504 separatists from Kashmir released after signing 'bond of good behavior': DGP | एक साल बाद जम्मू-कश्मीर के 504 अलगाववादियों को किया गया रिहा

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कहा कि पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान निरस्त किए जाने के बाद सुरक्षाबलों ने कुल 5,500 युवकों को हिरासत में लिया था।

Highlightsक साल पहले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त करने के बाद हिरासत में लिए गए504 अलगाववादी नेताओं को ‘‘अच्छे व्यवहार’’ के मुचलके पर हस्ताक्षर करने के बाद रिहा कर दिया गया है।

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने बृहस्पतिवार को बताया कि एक साल पहले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त करने के बाद हिरासत में लिए गए 504 अलगाववादी नेताओं को ‘‘अच्छे व्यवहार’’ के मुचलके पर हस्ताक्षर करने के बाद रिहा कर दिया गया है। सिंह ने यह भी कहा कि दूसरे राज्यों में जेलों में भेजे गए 350 अलगाववादी नेता और पथराव करने वालों में से केवल 50-60 ही जेल में हैं और बाकी लागों को रिहा कर दिया गया है।

उन्होंने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हुर्रियत कांफ्रेंस और जमात-ए-इस्लामी (जेके) तथा अन्य के कुल 504 अलगावादी नेताओं को अच्छे व्यवहार के मुचलके पर हस्ताक्षर करने के बाद अभी तक रिहा किया जा चुका है।’’ जिन लोगों ने ‘अच्छे व्यवहार’ के मुचलके पर हस्ताक्षर किए हैं उन्हें जेलों या घर में नजरबंदी से रिहा होने के बाद शांति बनाए रखनी होगी और वे किसी हिंसक या अलगाववादी गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कहा कि पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान निरस्त किए जाने के बाद सुरक्षाबलों ने कुल 5,500 युवकों को हिरासत में लिया था। तीन-चार दिन की काउंसिलिंग के बाद सभी को छोड़ दिया गया तथा उनके माता-पिता से आश्वासन लिया गया था कि वे भविष्य में पथराव जैसी किसी हिंसक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे।

उन्होंने कहा कि हिंसक कृत्यों में शामिल होने के आरोप में 1,200 अन्य युवकों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। सिंह ने बताया कि हिंसा में शामिल होने के आरोप में गत वर्ष 18 साल के कम उम्र के 144 लड़कों को भी हिरासत में लिया गया और अभी किशोर न्याय कानून के तहत बनाए सुधार गृहों में उनमें से महज 17 लड़के रह रहे हैं।

उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के साथ जा मिले कम से कम 16 युवक पुलिस तथा परिवार के सदस्यों द्वारा समझाने के बाद लौट आए। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि वे अभी तक किसी भी हिंसा में शामिल नहीं पाए गए। जम्मू कश्मीर से बाहर की जेलों में भेजे गए लोगों का जिक्र करते हुए पुलिस प्रमुख ने कहा कि करीब 300 लोगों को रिहा कर दिया गया क्योंकि जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत उनकी हिरासत अवधि समाप्त हो गई थी और ऐसा पाया गया कि उन्हें और हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है।

डीजीपी ने कहा, ‘‘हम 50-60 और लोगों के मामलों की समीक्षा करेंगे जब उनकी जेल की सजा की अवधि खत्म हो जाएगी।’’ जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से निपटने की भविष्य की रणनीति के बारे में सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के साथ लगी सीमा पर तकनीकी निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि आतंकवादी भारत में घुस न सके और युवाओं को कट्टरपंथ से बाहर लाने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि साथ ही युवाओं के कौशल विकास का कार्यक्रम चलाना चाहिए। 

Web Title: 504 separatists from Kashmir released after signing 'bond of good behavior': DGP

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