आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि जम्मू कश्मीर अभी राष्ट्रपति शासन के तहत है, इसलिए अधिनियम को लागू करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर है जिसके तहत दो केंद्र शासित प्रदेश -- जम्मू कश्मीर और लद्दाख-- 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे। ...
व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘ जी-7 में पांच बड़े संदेश दिये गए- एकता का संदेश, एक अरब डॉलर के व्यापार सौदे की सुरक्षा, अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते (यूएसएमसीए) को आगे बढ़ाना, यूरोप के साथ मजबूत व्यापार संबंध विकसित करना और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करन ...
केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि कुछ बारहमासी ‘परेशानी पैदा करने वाले’लोग हैं और गांधी यदि उनका नेता बनना चाहते हैं, तो भाजपा सिर्फ उनसे हमदर्दी जता सकती है। उन्होंने कश्मीर में स्थिति को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की ...
उप राष्ट्रपति ने कहा कि यह ‘वक्त की जरूरत थी।’ उप राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ यह काफी समय से लंबित था। अनुच्छेद 370 का खत्म होना देश के लिए अच्छा है, हालांकि अस्थायी तौर पर कुछ चीजें हो सकती हैं। यह एक राजनीतिक मामला नहीं है बल्कि राष्ट्रीय मामला है।’’ ...
‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार सूचना मामलों पर प्रधानमंत्री की विशेष सहायक फिरदौस आशिक अवान ने कहा कि कश्मीर मीडिया प्रकोष्ठ के गठन का मकसद कश्मीर में स्थिति के बारे में प्रामाणिक सूचनाओं को एकत्रित करना और प्रसारित करना है। ...
महाराष्ट्र सहित तीन राज्यों और उसके बाद दिल्ली के विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले इस कार्यक्र म को सरकार के बड़े फैसले पर मिले जनसमर्थन को वोट में तब्दील करने की योजना के तौर पर देखा जा रहा है. ...
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय यह नहीं सोचता है कि युद्ध जैसी स्थिति है। यह सिर्फ ध्यान खींचने की चाल है...। अब समय आ गया है कि पाकिस्तान नयी हकीकत को स्वीकार करे और भारत के आंतरिक मामलों में दखल देना बंद करे। ...
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी कन्नन गोपीनाथ ने जम्मू-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंध और मौलिक अधिकारों के हनन के विरोध में 21 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था। 2012 बैच के अधिकारी गोपीनाथन (32) उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने 2018 में केरल ...