अनुच्छेद 370 पर बोले नायडू- यह राजनीतिक नहीं बल्कि राष्ट्रीय मामला है, यह ‘वक्त की जरूरत थी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 27, 2019 03:19 PM2019-08-27T15:19:24+5:302019-08-27T15:19:24+5:30

उप राष्ट्रपति ने कहा कि यह ‘वक्त की जरूरत थी।’ उप राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ यह काफी समय से लंबित था। अनुच्छेद 370 का खत्म होना देश के लिए अच्छा है, हालांकि अस्थायी तौर पर कुछ चीजें हो सकती हैं। यह एक राजनीतिक मामला नहीं है बल्कि राष्ट्रीय मामला है।’’

Naidu said on Article 370 - It is not a political but a national matter, it was the need of the hour | अनुच्छेद 370 पर बोले नायडू- यह राजनीतिक नहीं बल्कि राष्ट्रीय मामला है, यह ‘वक्त की जरूरत थी

हमने नियमों को बनाने में दिन-रात एक कर दिया। हम सिर्फ यही चाहते थे कि बहस हो, चर्चा हो और सदन में शिष्टाचार बना रहे।

Highlightsनेहरू के नवंबर 1963 में दिए गए भाषण को उद्धृत करते हुए नायडू ने कहा कि यह ‘अस्थायी और कुछ समय के लिए था।’  राज्य सभा में इस विधेयक के पेश होने का उल्लेख करते हुए कहा कि जब यह विधेयक पेश हुआ तो वह बहुत उत्साहित थे।

उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त किया जाना राजनीतिक मामला नहीं बल्कि राष्ट्रीय मामला है।

विजयवाड़ा में प्रबुद्ध नागरिकों से संवाद करते हुए एक कार्यक्रम के दौरान उप राष्ट्रपति ने कहा कि यह ‘वक्त की जरूरत थी।’ उप राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ यह काफी समय से लंबित था। अनुच्छेद 370 का खत्म होना देश के लिए अच्छा है, हालांकि अस्थायी तौर पर कुछ चीजें हो सकती हैं। यह एक राजनीतिक मामला नहीं है बल्कि राष्ट्रीय मामला है।’’

उन्होंने राज्य सभा में इस विधेयक के पेश होने का उल्लेख करते हुए कहा कि जब यह विधेयक पेश हुआ तो वह बहुत उत्साहित थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमने नियमों को बनाने में दिन-रात एक कर दिया। हम सिर्फ यही चाहते थे कि बहस हो, चर्चा हो और सदन में शिष्टाचार बना रहे।’’

पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नवंबर 1963 में दिए गए भाषण को उद्धृत करते हुए नायडू ने कहा कि यह ‘अस्थायी और कुछ समय के लिए था।’ 

कश्मीर में स्थिति शांतिपूर्ण रही, लेकिन जनजीवन अब भी प्रभावित

कश्मीर में वैसे तो स्थिति शांतिपूर्ण बनी रही लेकिन बाजार और स्कूलों के बंद होने तथा सार्वजनिक वाहनों के सड़कों से नदारद रहने के कारण लगातार 23वें दिन भी जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को स्थिति शांतिपूर्ण रही और घाटी में किसी अप्रिय घटना होने की कोई खबर नहीं है।

उन्होंने बताया कि घाटी में अधिकतर इलाकों से प्रतिबंध हटा लिए गए हैं लेकिन कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा कर्मी वहां तैनात हैं। उन्होंने बताया कि संचार सेवाओं में एक हद तक छूट दी गई है। स्थिति बेहतर होने के बाद अधिकतर स्थानों पर लैंडलाइन टेलीफोन सेवाएं बहाल की गई हैं।

लाल चौक और प्रेस एन्कलेव में सेवाएं अब भी निलंबित है। ‘बीएसएनएल’ और अन्य निजी इंटरनेट सेवाओं सहित मोबाइल टेलीफोन सेवाएं और इंटरनेट सेवाएं अभी निलंबित हैं। केन्द्र सरकार ने पांच अगस्त जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख को अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला किया था जिसके बाद ये सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं।

अधिकारियों ने बताया लगातार 23वें दिन भी कश्मीर में बाजार, दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सार्वजनिक वाहन भी सड़कों से नदारद रहे। उन्होंने बताया कि राजधानी में सड़कों पर निजी वाहनों की आवाजाही बढ़ी है। अधिकारियों ने बताया कि निजी शैक्षणिक संस्थान बंद रहे, जबकि सरकारी स्कूल खुले लेकिन छात्र नदारद रहे। 

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