अमृतपाल सिंह 'वारिस पंजाब दे' संगठन का प्रमुख है। खालिस्तानी लीडर अमृतपाल मूल रूप से अमृतसर के गांव जंडुपुर खेरा का रहने वाला है। अमृतपाल का परिवार दुबई में ट्रांसपोर्ट का काम करता है। वह भी इसी बिजनेस से जुड़ा था। बाद में वह भारत लौटा और 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख बना। इस संगठन को दिल्ली में किसानों की रैली के दौरा हुई हिंसा के आरोपी रहे दीप सिद्धू ने बनाया था। ऐसा कहते हैं कि खालिस्तानी विचारधारा का पाठ उसने दुबई में ही पढ़ा। साल 2023 की फरवरी में वह सबसे अधिक चर्चा में उस समय आया जब अमृतपाल ने अपने एक समर्थक को छुड़ाने के लिए कई समर्थकों के साथ अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अजनाला थाना पर हमला कर दिया। Read More
Lok Sabha Election Results 2024: 2019 के लोकसभा चुनावों में, कांग्रेस उम्मीदवार जसबीर सिंह गिल ने 4,59,710 वोटों के साथ जीत हासिल की, उनके बाद शिरोमणि अकाली दल की बीबी जागीर कौर ने 319,137 वोटों के साथ जीत हासिल की। ...
नई दिल्ली: पंजाब में अलगाववादी आंदोलन खालिस्तान का झंडा उठाने वाले और 'वारिस पंजाब दे' नाम का संगठन चलाने वाले अमृतपाल सिंह पिछले साल अप्रैल से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत असम की जेल में बंद हैं। इस बीच ऐसी खबर सामने आ रही है कि अमृतपाल ...
पंजाब में अलगाववादी आंदोलन खालिस्तान का झंडा उठाने वालेऔर 'वारिस पंजाब दे' नाम का संगठन चलाने वाले अमृतपाल सिंह की मां को पुलिस ने अमृतसर मे गिरफ्तार कर लिया है। ...
असम पुलिस के डीजीपी जीपी सिंह ने कहा कि तलाशी अभियान में एनएसए सेल से एक जासूसी कैमरा, एक स्मार्टफोन, एक कीपैड फोन, पेन ड्राइव, ब्लूटूथ हेडफोन और स्पीकर, एक स्मार्टवॉच और कई अन्य चीजों सहित कई अनधिकृत वस्तुओं की बरामदगी हुई। ...
डिब्रूगढ़ यातायात पुलिस ने हवाई अड्डे से जेल तक 15 किलोमीटर लंबे रास्ते पर आवाजाही बंद कर दी थी। सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों के अलावा एक विशेष दल को भी तैनात किया गया था। ...
अमृतपाल की तलाश पंजाब के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड के साथ-साथ भारत से लगी सीमाओं तक हो रही थी। उसे मोगा जिले स्थित गांव रोडे से रविवार के तड़के गिरफ्तार किया गया। अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेजा गया है। ...