अमृतपाल सिंह खडूर साहिब से निर्दलीय लड़ेगा लोकसभा चुनाव, मां बलविंदर कौर ने दी जानकारी
By मनाली रस्तोगी | Published: April 27, 2024 08:51 AM2024-04-27T08:51:16+5:302024-04-27T08:52:15+5:30
नई दिल्ली:पंजाब में अलगाववादी आंदोलन खालिस्तान का झंडा उठाने वाले और 'वारिस पंजाब दे' नाम का संगठन चलाने वाले अमृतपाल सिंह पिछले साल अप्रैल से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत असम की जेल में बंद हैं। इस बीच ऐसी खबर सामने आ रही है कि अमृतपाल सिंह पंजाब के खडूर साहिब से निर्दलीय के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ेगा। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सिंह की मां ने शुक्रवार को ये जानकारी दी।
अमृतपाल सिंह अपने नौ सहयोगियों के साथ वर्तमान में डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। इससे पहले बुधवार को अमृतपाल के कानूनी सलाहकार राजदेव सिंह खालसा ने भी दावा किया था कि वह चुनाव लड़ेंगे।
अमृतपाल की मां बलविंदर कौर उसके और अन्य नौ एनएसए बंदियों को पंजाब स्थानांतरित करने की मांग को लेकर अमृतसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हैं। उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने सिख समुदाय के सामने आने वाले मुद्दों के लिए लड़ने के लिए चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, "चुनाव लड़ने का फैसला संगत और हलके की पंचायतों की मांग पर लिया गया है। सरकार ने सिखों के खिलाफ अत्याचार करने से नहीं रोका है और चुनाव लड़ने का उद्देश्य सिखों के मुद्दों को एक बड़े मंच पर ले जाना, बंदी सिंहों (सिख कैदियों) को जेलों से रिहा कराना, उनके अत्याचारों का मुकाबला करना है। सरकार समुदाय के खिलाफ है और धर्म प्रचार अभियान तेज़ कर रही है।"
बलविंदर कौर ने कहा कि शुरू में अमृतपाल चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन अब उन्हें लगता है कि बदली हुई परिस्थितियों में लोग समर्थन में आ रहे हैं, यह समय की जरूरत है। उन्होंने कहा, ''बदली हुई परिस्थितियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।''
आप ने मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने खडूर साहिब से मंजीत सिंह मन्ना को उम्मीदवार बनाया है। शिअद और कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।
शुक्रवार को अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह और चाचा सुखचैन सिंह ने गुरुवार को असम की डिब्रूगढ़ जेल में उनसे मुलाकात की थी, लेकिन उन्होंने आरोप लगाया था कि वे 'अधिकारियों की सख्ती' के कारण उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर चर्चा नहीं कर सके।
पत्रकारों से बात करते हुए, दोनों ने कहा कि वे डिब्रूगढ़ जिला आयुक्त के साथ जेल अधिकारियों के 'असहयोगी रवैये' को उठाएंगे और अमृतपाल के साथ विस्तृत चर्चा के लिए अगले सप्ताह लौटेंगे।