कोलकाता: भारत ने युगल में ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन किया लेकिन सिर्फ इतना ही काफी नहीं था और इटली ने शनिवार को पहला उलट एकल जीतकर मेजबान टीम को 3-1 से पराजित कर पहले डेविस कप विश्व फाइनल्स में प्रवेश किया।
आंद्रियास सेप्पी ने भारत के नंबर एक खिलाड़ी प्रजनेश गुणेश्वरन को पहले उलट एकल (रिवर्स सिंगल्स) मैच में 6-1, 6-4 से शिकस्त दी, इससे पहले भारत ने युगल मैच जीतकर इटली की वाइटवाश की उम्मीद तोड़ दी थी। इटली ने बीती रात 2-0 से बढ़त बनायी हुई थी, लेकिन सिमोन बोलेली और मातेओ बेरेतिनी युगल में भारत के रोहन बोपन्ना और दिविज शरण से हार गये।
अपेक्षाओं पर खरे उतरते हुए बोपन्ना और शरण ने एक सेट से पिछड़ने के बावजूद वापसी की और एक घंटे 43 मिनट तक चले मैच में 4-6, 6-3, 6-4 से जीत हासिल की।
बोपन्ना और शरण ने दूसरे सेट के चौथे गेम में बेरेतिनी की सर्विस तोड़कर वापसी की। 2012 के बाद वापसी कर रहे शरण ने बोपन्ना का पूरा साथ देते हुए फोरहैंड पर विनर लगाकर जीत दिलाई।
चौंतीस वर्षीय सेप्पी पर इटली के युगल मुकाबले में मिली हार का कोई असर नहीं दिखा, उन्होंने 62 मिनट में 102वीं रैंकिंग पर काबिज गुणेश्वरन को शिकस्त देकर अपनी टीम को नवंबर में मैड्रिड में होने वाले फाइनल्स में पहुंचा दिया।
कलकत्ता साउथ क्लब में अंतिम उलट एकल बेमानी ही था, जिससे यह मैच नहीं खेला गया। सेप्पी ने मैच के बाद कहा, 'यह हमारे लिये लिये अहम जीत थी। निश्चित रूप से कड़े युगल के बाद मुझे अंत में निर्णायक एकल खेलना था और मैं इसमें मजबूती से खेला।'
प्रज्नेश के पास एटीपी एकल रैंकिंग में 37वें स्थान पर काबिज सेप्पी के खिलाफ मैच के पहले सेट में जरा भी मौका नहीं था, हालांकि इस खिलाड़ी ने दूसरे सेट में थोड़ा बेहतर खेल दिखाया लेकिन 40 सहज गलतियों ने उसकी उम्मीदें तोड़ दीं। विश्व रैंकिंग में 19वें नंबर पर काबिज भारत अब साल के अंत में क्षेत्रीय ग्रुप में खेलेगा।
भारत के गैर खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति ने इसे निराशाजनक करार करते हुए कहा, 'हम सभी को भरोसा था लेकिन हमें कल एक अंक जीतना चाहिए था। 0-2 से पिछड़ने के बाद जीतना कठिन काम है।'
दुनिया की 10वें नंबर की टीम इटली के तीन खिलाड़ी शीर्ष 60 रैंकिंग में काबिज हैं लेकिन कोई भी भारतीय खिलाड़ी शीर्ष 100 में शामिल नहीं है। भूपति ने कहा कि देश को इस हार के बाद हकीकत से रूबरू होने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, 'हमें सच का सामना करने की जरूरत है। मैड्रिड में खेलने वाली 12 टीमों की सूची आने के बाद मैं देखना चाहूंगा कि क्या उनका कोई खिलाड़ी शीर्ष 100 से बाहर है। निश्चित रूप से हम मैड्रिड जाना चाहते हैं। लेकिन आप चमत्कार की उम्मीद नहीं कर सकते।'
पहले दौर में बाई मिलने के बाद भारत ने तियानजिन में चीन को एशिया ओसनिया क्षेत्र ग्रुप एक में चीन को 3-2 से हराकर विश्व ग्रुप प्ले आफ में प्रवेश किया था। वे क्रालजेवो में विश्व ग्रुप प्ले आफ में सर्बिया से 0-4 से हार गये थे जिससे टीम को इटली से खेलने का मौका मिला जो जिनोआ में फ्रांस से 1-3 से हार गयी थी। इटली ने इस तरह भारत के खिलाफ अपना जीत का रिकार्ड 5-1 कर लिया।