प्रदोष व्रत २०२० (Pradosh Vrat 2020): धार्मिक पुराणों में प्रदोष व्रत का बड़ा महत्व बताया गया है। हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रदोष व्रत हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को पड़ता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार आज 2 जुलाई को प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। भगवान शिव के साथ-साथ इस व्रत में मां पार्वती की भी पूजा की जाती है। प्रदोष का व्रत रखने वाले भक्तों का सारा दुख-दर्द भगवान शिव दूर कर देते हैं। प्रदोष व्रत का ब्राह्मण को गोदान (गाय का दान) करने के समान पुण्य मिलता है।
प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत के दिन किसी भी समय भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जा सकती। प्रदोष काल में की गई पूजा अधिक फलदायी होती है। प्रदोष व्रत की तिथि 2 जुलाई को रात में 3 बजकर 13 मिनट से शुरू होगी जोकि अगले दिन यानी 3 जुलाई को दिन में 1 बजकर 16 मिनट तक लगी रहेगी।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत रखने वाले जातक ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान शिव का सुमिरन करें। स्नान के बाद गंगा जल से आचमन करें। तांबे के लोटे में जल में गंगाजल मिलाकर सूर्य देव को प्रणाम करते हुए अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव जी व माता पार्वती की पूजा करें। भगवान शिव के मंत्र और आरती का पाठ करें। फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, भांग, धतूरा अर्पित करें। यदि घर में शिवलिंग है तो उसपर दूध, दही और पंचामृत चढ़ाएं। शाम के समय में भी भगवान शिव और माता पार्वती को प्रणाम कर कथा और आरती का पाठ करें। अगले दिन पूरे विधि-विधान के साथ व्रत खोलें।