Magh Purnima: 'माघ पूर्णिमा' के बारे में क्या कहा गया है 'ब्रह्मवैवर्त पुराण' में, जानिए इसका महात्म्य, पूजन विधि

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 21, 2024 07:00 AM2024-02-21T07:00:19+5:302024-02-21T07:00:19+5:30

हिंदू धर्म में ‘महा माघी’ या ‘माघी पूर्णिमा’ का विशेष महत्व है, जिसे पंचांग में माघ पूर्णिमा (magh purnima) के नाम से दर्शाया जाता है।

Magh Purnima: What is said about 'Magh Purnima' in 'Brahmavaivarta Purana', know its worship method | Magh Purnima: 'माघ पूर्णिमा' के बारे में क्या कहा गया है 'ब्रह्मवैवर्त पुराण' में, जानिए इसका महात्म्य, पूजन विधि

फाइल फोटो

Highlightsहिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा यानी ‘महा माघी’ या ‘माघी पूर्णिमा’ का विशेष महत्व हैमाघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करके दान करने से पापों से मुक्ति मिल जाती हैमाघ पूर्णिमा को लेकर धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवतागण भी पृथ्वी पर भ्रमण के लिए आते हैं

Magh Purnima: हिंदू धर्म में ‘महा माघी’ या ‘माघी पूर्णिमा’ का विशेष महत्व है, जिसे पंचांग में माघ पूर्णिमा (magh purnima) के नाम से दर्शाया जाता है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार इस दिन श्री हरि विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं, इस कारण से माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का महत्व होता है।

शास्त्रों में कहा गया है कि माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करके दान करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है। माघ पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 23 फरवरी को दोपहर 03:33 बजे से शुरू होगी और 24 फरवरी 2024 को शाम 05:59 बजे तक रहेगी।

माघ पूर्णिमा को लेकर धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवतागण भी पृथ्वी पर भ्रमण के लिए आते हैं। इसके अलावा यह भी मानते हैं कि इस दिन स्नान-पूजन से संतान की प्राप्ति हो सकती है। इसलिए संतान सुख से वंचित रहने वाले जातकों के लिए माघ पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

वेदों और शास्त्रों में ऐसी मान्यता है पुराणों में कहा गया है कि इसी पूर्णिमा के अवसर पर देवतागण पृथ्वी भ्रमण के लिए आते हैं।माघ पूर्णिमा के अनुसार गंगा स्नान के बाद दान-दक्षिणा करें तो देवता बहुत प्रसन्न होते हैं और आपको मनचाहा वरदान देते हैं।

ज्योतिष मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपनी ही राशि कर्क में होता है तथा सूर्य अपने पुत्र शनि की राशि मकर में होता है तब माघ पूर्णिमा का योग बनता है। इस योग में सूर्य और चन्द्रमा एक दूसरे से आमने सामने होते है। इस योग को पुण्य योग भी कहा जाता है। इस योग में स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा से मिलने वाले कष्ट शीघ्र ही नष्ट हो जाते है।

जिस जातक की जन्मकुंडली में चन्द्रमा नीच का है तथा मानसिक संताप प्रदान कर रहा है तो उसे सम्पूर्ण मास गंगा जल से स्नान करना चाहिए। जिससे कुंडली में बैठा चन्द्रमा का दोष समाप्त हो जाता है।

इसके अलावा जिस जातक की कुंडली में सूर्य तुला राशि में है, जो मान-सम्मान, यश में कमी प्रदान कर रहे हैं तो वैसे व्यक्ति को माघ स्नान करना चाहिए और सूर्य को प्रतिदिन अर्घ्य देना चाहिए. जिससे सूर्य क प्रभाव से मिलने वाले कष्ट दूर हो जाते है।

माघ पूर्णिमा की पूजा विधि

माघ पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
स्नान के बाद जल में रोली डालकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें। 
स्नान के बाद दान जरूर करें।
इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें। 
इस दिन सत्यनारायण कथा का विशेष महत्व है। 
विधि विधान से भगवान सत्यनारायण का पूजन करें
पूजा में केला पत्ता, पंचामृत, सुपारी, पान, शहद, मिष्ठान, तिल, मौलि, कुमकुम, दूर्वा का प्रयोग करें।  
तिल और कम्बल का दान करने से जातक को नरक लोक से मुक्ति मिलती है।

Web Title: Magh Purnima: What is said about 'Magh Purnima' in 'Brahmavaivarta Purana', know its worship method

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