लाइव न्यूज़ :

वाल्मीकि जयंती 2019: जब वाल्मीकि के शरीर पर लगने लगी थी चीटियां, ऐसे मिली रामायण लिखने की प्रेरणा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 13, 2019 7:16 AM

holy book ramayana author valmiki 2019: वैदिक काल के प्रसिद्ध वाल्मीकि रामायण महाकाव्य के रचयिता के रूप में विख्यात हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार वाल्मीकि का जन्म हर्षि कश्यप और अदिति के नौवें पुत्र वरूण और उनकी पत्नी चर्षणी के घर में हुआ था।

Open in App
ठळक मुद्दे हिन्दू मान्यताओं में ये बताया जाता है कि महर्षि वाल्मीकि का पहला नाम रत्नाकर था। वह डकैत हुआ करते थे। एक मान्यता ये भी प्रचलित है कि जब भगवान राम ने मां सीता को त्याग दिया था तो महर्षि वाल्मीकि ने ही उन्हें शरण दी थी।

हिंदू धर्म का प्राचीन ग्रंथ रामायण के रचयिता वाल्मीकि की जयंती देशभर पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हर साल अश्विन महीने की शरद पूर्णिमा के दिन महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई जाती है। आज (13 अक्टूबर) शरद पूर्णिमा है। इसी दिन वाल्मीकि जयंती भी मनाई जाती है। 

बताया जाता है कि संस्कृत भाषा के सबसे पहले कवि वाल्मीकि ही थे जिन्होंने रामायण की रचना की थी। लेकिन आज हर कोई जानना वाल्मीकि के बारे में जानना चाहता है और ये भी जनना चाहते हैं कि महर्षि वाल्मीकि को रामायण लिखने की प्रेरणा कहां से मिली। इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित है। महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर सबसे पहले जानते हैं उनके बारे में...

कौन थे महर्षि वाल्मीकि

वैदिक काल के प्रसिद्ध वाल्मीकि रामायण महाकाव्य के रचयिता के रूप में विख्यात हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार वाल्मीकि का जन्म हर्षि कश्यप और अदिति के नौवें पुत्र वरूण और उनकी पत्नी चर्षणी के घर में हुआ था। मान्यता है कि वाल्मीकि के भाई भृगु थे। हिन्दू मान्यताओं में ये बताया जाता है कि महर्षि वाल्मीकि का पहला नाम रत्नाकर था। वह डकैत हुआ करते थे। लोगों को मारना उन्हें नुकसान पहुंचाना आदि रत्नाकर का पेशा था। 

जानिए कैसे मिली रामायण लिखने की प्रेरणा 

जैसा कि बताया गया महर्षि होने से पहले वाल्मीकि रत्नाकर नामक डकैत हुआ करते थे। लेकिन जब उन्हें अपने पापों का एहसास हुआ। तब उन्होंने कठोर साधना में लग गए और राम नाम का जप करने लगे। लागातार राम नाम जप करने के बाद वो मरा-मरा का जप करने लगे। लेकिन वाल्मीकि अपने कठोर साधना में लगे रहें। इतना ही नहीं उनके शरीर पर चीटियां लगने लगी। इसके बाद भगवान ब्रह्मा प्रसन्न हुए और उन्हें रामायण लिखने के लिए प्रेरित किया। 

एक और पौराणिक कथा के मुताबिक हिन्दू मान्यताओं में ये बताया जाता है कि महर्षि वाल्मीकि का पहला नाम रत्नाकर था। वह डकैत हुआ करते थे। लोगों को मारना उन्हें नुकसान पहुंचाना आदि रत्नाकर का पेशा था। एक दिन उनकी मुलाकात नारद मुनी से हुई जिसके रत्नाकर, वाल्मीकि बन गए और उनकी जिंदगी बदल गई। 

नारद मुनि ने उन्हें जीने का सलीका बताया। नारद मुनि ने उन्हें भगवान श्रीराम के बारे में बताया और पूजा-पाठ की महत्ता से भी रूबरू करवाया। जिसके बाद महर्षि वाल्मीकि की जिंदगी बदल गई। गलत रास्ता छोड़कर वाल्मिकि श्रीराम के चरणों में आ गए। उनकी ही प्रार्थना करने लगे। 

माता सीता को दी शरण

एक मान्यता ये भी प्रचलित है कि जब भगवान राम ने मां सीता को त्याग दिया था तो महर्षि वाल्मीकि ने ही उन्हें शरण दी थी। अपनी कुटिया में ना सिर्फ उन्होंने सीता को स-सम्मान रखा बल्कि उनके बेटे लव-कुश को भी शरण दी। साथ ही लव-कुश को शिक्षा भी दी। आज भी भगवान लव-कुश के गुरूओं को रूप में महर्षि वाल्मीकि को ही जाना जाता है। 

आदि कवि बन गए महर्षि वाल्मीकि

हिन्दू धर्म में वाल्मीकि जयंती को काफी महत्वपूर्ण माना गया है। पुराणों में उनके लिखे गए ग्रंथ रामायण पूजनीय है। महर्षि वाल्मीकि को आदि कवि के नाम से भी जानते हैं। भारत में ज्यादातर उत्तरी हिस्से में इनकी जयंती को मनाया जाता है। इन शहरों में चड़ीगढ़, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश आदि शामिल हैं। 

टॅग्स :वाल्मीकि जयंतीरामायणभगवान राम
Open in App

संबंधित खबरें

बॉलीवुड चुस्की'रामायण' में रणबीर कपूर के 'राम' का किरदार निभाए जाने पर अरुण गोविल ने दी प्रतिक्रिया, कहा- "जितना मैं उनको जानता हूं वो बहुत..."

भारत'हम सब राम के शत्रु हैं, रामायण पर विश्वास नहीं', DMK नेता ए राजा ने कर दी विवादित टिप्पणी

पूजा पाठहनुमान जी समेत इन 8 चिरंजीवियों को भी मिला सदैव अमर रहने का वरदान

पूजा पाठShiva Tandava Stotram: रावण के भक्ति की पराकाष्ठा है 'शिव तांडव स्तोत्र', जानिए इसकी पूजा-पद्धति, आराधना के बारे में सब कुछ

क्राइम अलर्टSavitribai Phule Pune University: सीता बन सिगरेट पीना पड़ा महंगा, प्रोफसर संग छात्र गिरफ्तार

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठSantoshi Mata Vrat Katha: करें हर शुक्रवार मां संतोषी का आराधना, होगी धन, विवाह, संतान, भौतिक सुखों की प्राप्ति

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 29 March 2024: आज मिथुन राशिवालों को होगा आर्थिक लाभ, कर्क राशि के जातक करेंगे चुनौतियों का सामना

पूजा पाठआज का पंचांग 29 मार्च 2024: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठLord Vishnu: श्रीहरि ने वामन रूप में कैसे नाप दिया था तीन पग में ब्रह्मांड, कैसे तोड़ा था महाप्रतापी बलि का दंभ, जानिए यहां

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 28 March 2024: आज ग्रह-नक्षत्र इन 6 राशियों के लिए अनुकूल, धन, कारोबार में होगी वृद्धि