'हम सब राम के शत्रु हैं, रामायण पर विश्वास नहीं', DMK नेता ए राजा ने कर दी विवादित टिप्पणी
By आकाश चौरसिया | Published: March 5, 2024 01:09 PM2024-03-05T13:09:26+5:302024-03-05T13:31:01+5:30
A Raja Controversy: डीएमके नेता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर फिर एक बार रैली को संबोधित करते हुए विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा, "हम सब राम के शत्रु हैं। उन्होंने कहा कि मुझे रामायण और भगवान राम पर विश्वास नहीं है"।
A Raja Controversy: डीएमके नेता ए राजा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर फिर एक बार रैली को संबोधित करते हुए विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा, "हम सब राम के शत्रु हैं। उन्होंने कहा कि मुझे रामायण और भगवान राम पर विश्वास नहीं है। ए राजा ने भगवान हनुमान की तुलना बंदर से करते हुए 'जय श्री राम' के नारे को घृणास्पद बताया"।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा ने कहा कि मामला उनके भारत और सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान का है। ए राजा ने अपने एक हालिया बयान में कहा, ''भारत एक राष्ट्र है ही नहीं, इसे लेकर फिर जोर देते हुए कहा कि भारत कभी एक राष्ट्र था ही नहीं। भारत एक राष्ट्र नहीं, बल्कि एक उपमहाद्वीप है।''
ए राजा का बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन को सनातन विरोधी बयानबाजी पर फटकार लगाते हुए कहा था कि उन्हें अपने बयान के नतीजे पता होने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, "आपने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया और अब आप राहत मांग रहे हैं। आप आम आदमी नहीं हैं, राजनेता हैं।"
‘I refuse to accept India a nation: DMK leader & former union minister A Raja’
— Mr Sinha (Modi's family) (@MrSinha_) March 5, 2024
They don’t just hate Modi-BJP, they hate India & everybody who is pro India… pic.twitter.com/9OYT766bJD
भारत को उपमहाद्वीप बताने की वजह बताते हुए कहा, ''यहां तमिल एक राष्ट्र और एक देश है। मलयालम एक भाषा, एक राष्ट्र और एक देश है। उड़िया एक राष्ट्र, एक भाषा और एक देश है। ये सभी राष्ट्र मिलकर भारत बनाते हैं, तो भारत देश नहीं है। यह एक उपमहाद्वीप है।''
उन्होंने आगे कहा, ''इसी तरह कश्मीर में भी एक संस्कृति है। इसे स्वीकार करो। मणिपुर में लोग कुत्ते का मांस खाते हैं, इस बात को स्वीकार करें। यदि कोई समुदाय गोमांस खाता है, तो आपको क्या समस्या है? क्या उन्होंने आपसे खाने के लिए कहा? इसलिए अनेकता में एकता होने के बाद भी हमारे बीच मतभेद हैं। इसे स्वीकार करो।''