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गणेश चतुर्थी विशेष: गणेश के इन चार चीजों से सीखे जीवन का फंडा

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: September 15, 2018 17:26 IST

गणेश चतुर्थी के मौके बताएंगे कि कैसे आप भगवान गणेश के स्वरूप से जीवन के गुर सीख सकते हैं। मोदक, भगवान गणेश का सबसे प्रिय भोग है। मोदक का मतलब होता है आनंद

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देशभर में गणेश चतुर्थी की धूम है। जगह-जगह भगवान गणेश की प्रतिमाएं सजे हुई है। इस साल गणेश चतुर्थी  13 सितंबर से शुरू हुआ जो 23 सितंबर तक चलेगा।  10 दिन के इस महोत्सव में देशभर में गणेश पूजन होता है, लोग पहले दिन बप्पा की मूर्ति को घर लाते हैं और फिर श्रद्धा अनुसार एक, तीन, पांच या पूरे 10 दिन बाद 11वें दिन धूमधाम से विसर्जन करते हैं।

गणेश चतुर्थी के मौके बताएंगे कि कैसे आप भगवान गणेश के स्वरूप से जीवन के गुर सीख सकते हैं। इसलिए उन्हें गजानन के साथ मैनेजमेंट गुरु कहते हैं। यानी की भगवान गणेश के शरीर में विराजित कुछ चीजों से लाइफ फंडा सीख सकते हैं। इन चीजों से आप अपनी जीवन में आनंद, मन में काबू, बुद्धि का बेहतरीन ढंग से इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए जानते हैं वो चार चीजें क्या है।

 मोदक का भोग

मोदक, भगवान गणेश का सबसे प्रिय भोग है। मोदक का मतलब होता है आनंद। यानी की भगवान गणेश अपना अपने भोजन में आनंद ग्रहण करते हैं। इससे जीवन में ये सीख मिलती है कि हमें भी अपना भोजन आनंद से ग्रहण करना चाहिए। उसका प्रभाव भी सेहत के लिए अच्छा होगा। अगर भोजन में आनंद का समावेश ना हो तो वो सेहत पर कोई असर नहीं डालता। 

चूहे पर सवारी

भगवान गणेश का हमेशा चूहे की सवारी करते हैं। हमेशा उनके साथ चूहा रहता है। चूहे की आदत कुतरने की होती है। ये अज्ञान प्रतीक है, क्योंकि कुतरने से ही बना है शब्द कुतर्क। जो हर बात पर कुतर्क करें, अव्यवहारिक बात करें, सत्य को स्वीकारने से बचें वो सब अज्ञानता के प्रतीक हैं। ज्ञान हमेशा कुतर्क पर सवार हो जाता है। उस पर शासन करता है। गणेश विवेक बुद्धि के देवता है, वे कुतर्क को कभी स्वतंत्र नहीं करते।

लक्ष्मी के साथ गणेश

गणेश का पूजन सर्वाधिक लक्ष्मी के साथ होता है। धन की देवी लक्ष्मी वहीं विराजती हैं जहां ज्ञान के देवता गणेश रहते हैं। ज्ञान के बिना स्थायी लक्ष्मी नहीं आ सकती। अगर लक्ष्मी को मनाना है तो पहले गणेश के द्वार पर दस्तक दीजिए, उन्हें घर लाइए, उनकी शर्तों पर, लक्ष्मी स्वयं चली आएंगी। गणेश की शर्तें हैं, पवित्र ज्ञान हो, परिवार में प्रेम रहे, विद्या का सम्मान हो, माता-पिता की सेवा हो।

हथियार अंकुश

गणेश का हथियार है अंकुश। हाथी के सिर वाले देवता के हाथ में अकुंश क्या दर्शाता है। दरअसल ये अंकुश ज्ञान का प्रतीक है। हमारा मन हाथी की तरह मस्त है। जब जहां चले, इसे रोकना मुश्किल होता है। मन पर ज्ञान का अंकुश हो तो फिर कोई समस्या नहीं। गणेश कहते हैं, मन को काबू करने के लिए ज्ञान ही श्रेष्ठ साधन है।

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