जयपुर: राजस्थान के बर्खास्त मंत्री और कांग्रेस विधायक राजेंद्र गुढ़ा अब अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ खुल कर मैदान में आ गए हैं। पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा जहां एक तरफ अगले कुछ दिनों में रैली करने और जनता के बीच जाने की घोषणा की है वहीं आरोप लगाया है कि गहलोत सरकार में बैठे लोगों के कारण राज्य में अपराध बढ़ रहा है।
राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा, "अगले 5-7 दिनों में हम एक बड़ी रैली करेंगे, जिसमें लगभग 50,000 लोग आएंगे, रैली के बाद हम तय करेंगे कि क्या करना है। मैं लोगों के बीच जाऊंगा और महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाऊंगा। पूरे मंत्रिपरिषद का नार्को टेस्ट होना चाहिए। आरोपी सरकार में बैठे हैं और उनकी वजह से राजस्थान महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और अत्याचार में नंबर 1 बन गया है। मुझे विधानसभा में बोलने के अधिकार, राजस्थान में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और अन्य अत्याचार का विरोध करने पर बर्खास्त किया गया।"
गुढ़ा यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, "दुष्कर्म में शतक बना चुके लोग मंत्री बने बैठे हैं। सबसे बड़े दुष्कर्मी तो मंत्रिपरिषद के अंदर हैं। अगर, मेरी बात गलत साबित हो जाए तो मैं राजनीत ही छोड़ दूंगा।"
बता दें कि गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा में अपनी ही सरकार को महिला सुरक्षा के मुद्दे पर कटघरे में खड़ा किया था। गुढ़ा ने कहा था कि हमें मणिपुर की चिंता छोड़कर अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। सीएम अशोक गहलोत ने एक पत्र लिखकर राज्यपाल कलराज मिश्र से गुढ़ा को बर्खास्त करने की अनुशंसा कर दी। फिर राजेंद्र गुढ़ा मंत्री से पूर्व मंत्री हो गए।
विधानसभा में राजेंद्र गुढ़ा एक लाल डायरी लेकर आए थे जिसके बारे में उनका दावा है कि उसमें विधायकों की खरीद फरोख्त से जुड़ी जानकारी थी। गुढ़ा जब अध्यक्ष की कुर्सी के करीब पहुंचे तो कांग्रेस विधायकों के साथ धक्का मुक्की हुई। हंगामे के बाद मार्शलों ने गुढ़ा को राजस्थान विधानसभा से बाहर कर दिया था।
राजस्थान के झुंझुनूं जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से विधायक राजेंद्र गुढ़ा का कहना है कि इस लाल डायरी में विधायकों की खरीद फरोख्त का हिसाब था और सीएम अशोक गहलोत ने ही उनसे ये डायरी लाने को कहा था और इसे जलाने का आदेश दिया था।