मध्य प्रदेश में हाल में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार गिरने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी आई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फ्लोर टेस्ट कराने के लिए राज्यपाल का आदेश देना सही फैसला था क्योंकि सरकार बहुमत खो चुकी थी।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'ये राज्यपाल के अधिकारों पर ये 68 पन्नों का फैसला है। हमने संवैधानिक कानून और गवर्नर के अधिकारों के बारे में विस्तृत फैसला दिया है।'
बता दे कि मध्य प्रदेश का सियासी ड्रामा उस समय शुरू हुआ जब पिछले महीने ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए थे। साथ ही सिंधिया के नजदीकी 22 विधायकों के इस्तीफों से मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार संकट में आ गई।
इसके बाद इन विधायकों को मनाने की भी कोशिशें कांग्रेस की ओर से हुई थी। आखिरकार फ्लोर टेस्ट से पहले कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी की मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी हुई। इस पूरे प्रकरण के दौरान कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी और मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया था।