नई दिल्लीः कांग्रेस ने दादरा एवं नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर द्वारा मुंबई में कथित तौर पर आत्महत्या करने के मामले में शुक्रवार को न्यायिक जांच की मांग की।
दादरा नगर हवेली के सात बार के सांसद, मोहन भाई डेलकर की रहस्यमय मौत को लेकर राजनीतिक गलियारों में कतिथ रूप से यह चर्चा ज़ोर पकड़ रही है कि मोहन भाई के पास ईवीएम मशीन को लेकर ऐसा राज़ था, जिसके खुलने से देश की राजनीति में भू चाल आ सकता था,लेकिन डेलकर की कथित आत्महत्या के बाद यह रहस्य हमेशा के लिये दफ़न हो चुका है।
बावजूद इसके डेलकर ने लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला के सामने गुहार लगाई जिसका वीडिओ ॉकांग्रेस ने जारी कर मामले की परतें खोलने की कोशिश की। पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने डेलकर के हवाले से तथ्यों को रखते हुये कहा "वीडियो के माध्यम से मोहन भाई बताते हैं कि कैसे अलग-अलग तरीक़े से अफ़सर उनके ख़िलाफ़, उनके कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ अकारण ही कार्यवाही कर रहे थे।
उनके अपने मेडिकल कॉलेज को ध्वस्त करने की कोशिश, आदिवासी भवन को गिराने की कोशिश, इनके समर्थकों की नौकरियाँ छीनने के प्रकरण। ऐसी अनेक प्रताड़नाएँ प्रशासक, प्रफुल खोड़ा पटेल के कथित इशारे पर मोहन भाई पिछले डेढ़ सालों से झेल रहे थे।
पार्टी प्रवक्ता खेड़ा ने प्रफुल्ल खोड़ा का इतिहास खंगालते हुये कहा "यह प्रफुल खोड़ा पटेल हिम्मत नगर से विधायक रहे हैं और जब आपराधिक मामलों के चलते अमित शाह को 2010 में बतौर गुजरात के गृह मंत्री इस्तीफ़ा देना पड़ा था, तब इन्हीं प्रफुल खोड़ा पटेल को नरेंद्र मोदी ने गुजरात का गृह राज्य मंत्री बनाया था।
उसके बाद प्रफुल खोड़ा पटेल विधान सभा चुनाव हार गए और 2016 में उन्हें दमन दीव व दादरा नगर हवेली का प्रशासक नियुक्त किया गया। पवन खेड़ा ने पूछा कि एक आईएएस की जगह राजनीतिक व्यक्ति को यह महत्वपूर्ण पद क्यों सौंपा गया ,इसके पीछे किसके हित छिपे थे।
कांग्रेस ने माँग की कि प्रधानमंत्री मोदी अपने निजी सम्बन्धों को, अपनी मजबूरियों को नज़र अंदाज़ करके न्याय संगत कदम उठाएँ, और दादरा नगर हवेली के प्रशासक, प्रफुल खोड़ा पटेल को तुरंत पद मुक्त किया जाए एवं उनके ख़िलाफ़ हत्या एवं आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने के मामले दर्ज किया जाये। इस पूरे मामले की अविलम्ब न्यायिक जाँच हो ताकि 7 बार के सांसद रहे मोहन भाई डेलकर को कम से कम मरणोपरांत न्याय मिल सके।