मां संतोषी की इस विधि से पूजा करने वालों की चमक जाती है किस्मत, जानें पूजा के बारे में जरूरी बातें By गुणातीत ओझा | Published: June 19, 2020 10:49 AMOpen in App1 / 6शुक्रवार का दिन संतोषी माता को समर्पित है। सरल और आसानी से प्रसन्न होने वाली संतोषी माता का व्रत हर तरह से गृहस्थी को धन-धान्य, पुत्र, अन्न-वस्त्र से परिपूर्ण रखता है। मां अपने भक्त को हर कष्ट से दूर करती है।2 / 6इस व्रत में प्रातः काल स्नानादि से निवृत्त होकर संतोषी माता को स्मरण कर दंडवत प्रणाम करें। पूजा करते समय जल से भरा कलश रखकर उसके ऊपर गुड़ और चने से भरा कटोरा रखें। कथा कहने और सुनने वाले अपने हाथ में गुड़-चना अवश्य रखें और मन ही मन संतोषी माता की जय बोलते जाएं।3 / 6पूजा के लिए गुड़-चना लेते समय सवाई का ध्यान रखें यानि अपने सामर्थ्य के अनुसार चना-गुड़ सवा रू., सवा पांच रू. या सवा ग्यारह रू. के बढ़ते क्रम के अनुरूप ही लें। कथा समाप्त होने पर हाथ का गुड़ चना गाय माता को खिला दें और कलश पर रखा चना गुड़ प्रसाद के रूप में बांट दें और स्वयं भी प्रसाद लें।4 / 6इसी विधि से तब तक व्रत करते रहें, जब तक आपकी मनोकामना पूरी ना हो जाए। मनोकामना पूरी होने पर उद्यापन अवश्य करें। उद्यापन के लिए ढाई सेर खाजा, मोयनदार पूड़ी, खीर, चने की सब्जी और नैवेद्य रखें। घी का दीपक जला कर संतोषी माता की कथा कह, जयकारा लगाकर नारियल फोड़ें।5 / 6इस दिन घर में कोई खटाई ना खाए, ना ही किसी को कुछ भी खट्टा दें। इस दिन 8 लड़कों को भोजन कराएं। लड़के अपने कुटुंब के हों तो अच्छा, ना हो तो ब्राह्मण बालकों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों के लड़कों को बुलाएं।6 / 6भोजन कराके यथाशक्ति दक्षिणा दें, जिसमें पैसे के स्थान पर कोई फल देना अधिक अच्छा होता है। इस तरह विधिपूर्वक पूजा- उद्यापन से घर में संतोषी माता की कृपा सदैव बनी रहती है। और पढ़ें Subscribe to Notifications